दिल्ली
23 जून 2022
अब इन दो सरकारी बैंकों का होगा निजीकरण
दिल्ली। देश में तेजी से निजीकरण का विकास हो रहा है। धीरे धीरे सभी सरकारी कंपनियां प्राइवेट होती जा रही है। सरकार ने कई कंपनियों के लिए बोलियां भी मंगाना शुरू कर चुकी है। इसके अलावा सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया भी लगभग शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है इसी साल सितंबर तक प्राइवेटाइजेशन शुरू हो सकता है। हालांकि दूसरी तरफ इसके विरोध में हड़ताल भी किए जा रहे है। बावजूद इसके सरकार अपने फैसले पर काम करना शुरू कर चुकी है। सरकार बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन करके पीएसयू बैंकों में विदेशी स्वामित्व पर 20 प्रतिशत की सीमा को हटाने की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार इनमें दो सरकारी बैंक शॉर्ट लिस्टेड भी हो चुके हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारी का कहना है कि निजीकरण के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को संभावित उम्मीदवारों के रूप में चुना गया था। यानी इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया दो उम्मीदवार हैं जिनका निजीकरण हो सकता हैए हालांकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र इस लिस्ट में है।
