दिल्ली/एनसीआर
9 दिसम्बर 2019
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की मांग, पेंशन हो 7,500
नई दिल्ली (सचिन सक्सेना)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दायरे में आने वाले उत्तराखण्ड और अन्य राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनर संघर्ष कर रहे हैं। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों ने अपनी मांगों को लेकर पेंशन संघर्ष समिति ने रामलीला मैदान में रैली की. इसमें हजारों की संख्या में पेंशन धारकों ने भाग लिया। पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं तथा ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग कर रहे हैं। ईपीएस 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 फीसदी हिस्सा भविष्य निधि में जाता है.3 रुपये खर्च कर अपने ठंदा । बैंक एकांउटर को बचाएं फ्रॉड से,जानें इस स्कीम के बारे मेंवहीं, नियोक्ता के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा, पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 फीसदी का योगदान करती है. पेंशन भोगियों का कहना है कि कि 30-30 साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 500 से 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं. इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर-बसर करना कठिन है.
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