पंचायत चुनाव: आठ से 10 मई के बीच हो सकते हैं पंचायत चुनाव

ग्राम पंचायत चुनाव पर लग सकती है रोक

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उत्तर प्रदेश
13 मार्च 2021
ग्राम पंचायत चुनाव पर लग सकती है रोक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. इस मामले में अदालत ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है. साथ ही अगली सुनवाई तक आवंटन की कार्रवाई बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकार ने जारी किया आदेश
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने भी ऑर्डर रिलीज कर इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि हाई कोर्ट के द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में अग्रिम आदेशों तक पंचायत चुनावों में आरक्षण और आवंटन की कार्यवाही को पूरा न किया जाए.आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका आरक्षण को चुनौती देने वाली सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार की जनहित याचिका (च्प्स्) पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने ये आदेश दिया है. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार को इस वर्ष भी 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण को रोटेट करने की प्रकिया करना था. लेकिन सरकार मनमाने तरीके से 1995 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण प्रकिया पूरी कर रही है, और 17 मार्च 2021 को आरक्षण लिस्ट घोषित करने जा रही है।

24 घंटे में राज्य से मांगा जवाब
याचिकाकर्ता ने कहा, 16 सितंबर 2016 का शासनादेश अभी भी प्रभावी है. ऐसे में वर्तमान चुनावों के लिए आरक्षण के रोटेशन के लिए 2015 को ही आधार वर्ष माना जाना चाहिए. इन मुद्दों को मानते हुए अदालत ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग से 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया और अंतरिम आदेश पारित करते हुए पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की प्रकिया पर रोक लगा दी है.

आरक्षण को लेकर आ रही आपत्तियां
सिर्फ बस्ती जिले में ही 750 आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं. उम्मीदवारों ने प्रशासन पर बड़े पैमाने पर गलत लिस्ट जारी करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद बस्ती डीएम ने टीम बनाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं. बताते चलें कि बस्ती जनपद में कुल 1185 सीट ग्राम प्रधान के लिए सृजित किए गए हैं, जिसमें 622 उम्मीदवारों ने शिकायत दर्ज कराई है. वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य (ठक्ब्) के लिए 1040 पद और जिला पंचायत सदस्य के लिए 43 पद सृजित किया गया है. इसमें से क्षेत्र पंचायत में 99 सीट और जिला पंचायत सदस्य के 29 सीटों पर आपत्ति दर्ज की गई है. जबकि 2268 सीटों में से 750 पर आपत्ति सामने आई हैं. आंकड़ों पर गौर करें, तो हर तीसरे पद को लेकर किसी न किसी सीट पर शिकायत की गई है.

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