उत्तराखण्ड
26 अगस्त 2022
बड़ी खबर – उत्तराखण्ड की लोकगायिका की संदिग्ध हालत में मौत, फंदे के लटका मिला शव
देहरादून। जौनसार की लोक गायिका संजना राज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव कमरे की खिड़की की ग्रिल पर फंदे से लटका मिला। वह नेहरू कॉलोनी स्थित मकान में किराये पर रहती थीं। दो महीने से उनके साथ एक युवक भी रहता था। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
घटना नेहरू कॉलोनी के एच ब्लॉक स्थित घर की है। परिजनों की मौजूदगी में संजना के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। सीओ नेहरू कॉलोनी अनिल कुमार जोशी ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम करीब तीन बजे सूचना मिली थी। पुलिस घर में पहुंची तो देखा कि एक महिला अपने कमरे की खिड़की की ग्रिल से लटकी थीं। पुलिस ने इमरजेंसी सेवा के माध्यम से उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। महिला की पहचान संजना राज (22) पुत्री भीम दास निवासी मलेथा, सहिया के रूप में हुई।
संजना जौनसार क्षेत्र की लोक गायिका थीं। उनके कई गाने सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। संजना यहां एक कंपनी में काम भी करती थीं। शव के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, लेकिन प्राथमिक पड़ताल के बाद आत्महत्या का मामला लग रहा है। सीओ जोशी ने बताया कि उनके साथ दो माह से एक युवक भी रहता था। संजना राज जौनसार बावर की उभरती हुईं लोक गायिका थीं। हालांकि वर्ष 2009 में उन्होंने गायिकी के क्षेत्र में कदम रख दिया था, लेकिन क्षेत्र में धीरे धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी। विभिन्न सांस्कृतिक मंचों पर उन्होंने अपनी आवाज का लोहा मनवाया।
यू ट्यूब पर अपलोड किए गए उनके गीत देवा बिजिटा को 16 हजार से अधिक लोगों ने देखा और सूना। लोक हारुल को 23 हजार लोगों ने देखा। तेरी शादी री चिठ्ठी को तीन हजार लोगों ने देखा। साथो की अनामिका गीत को 19 हजार लोगों ने देखा। जौनसार बावर की लोक कलाकार और धुमसू मंच की संस्थापक शांति वर्मा ने बताया कि संजना राज ने उन्हीं से लोक गीत सीखे, लेकिन कुछ समय से संजना उनके संपर्क में नहीं थी।
उन्होंने बताया कि संजना राज क्षेत्र की उभरती हुई लोक गायिका थीं। वह एक हंसमुख चेहरा थीं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर संजना राज ने शांति वर्मा के साथ कई गीत रिकार्ड किए। शांति वर्मा ने बताया कि जल, जंगल, जमीन बचाने की मुहिम में भी संजना राज ने उनके साथ कार्य किया। संजना राज का यूं जाना लोक संस्कृति के क्षेत्र में बहुत बड़ा नुकसान है।