उत्तर प्रदेश
12 जुलाई 2021
यूपी में आकाशीय बिजली का कहर 40 लोगों की मौत
लखनऊ/जयपुर। उत्तर भारत में यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में रविवार को बिजली का कहर बरपा। उत्तर प्रदेश में रविवार को अलग-अलग घटनाओं में आकाशीय बिजली गिरने से 40 लोगों की मौत हो गई। कानपुर और उसके आसपास के ज़िलों में 18, प्रयागराज में 14, कौशाम्बी में 4, आगरा में 3, उन्नाव में दो, प्रतापगढ़, वाराणसी और रायबरेली में एक-एक मौत हुई है. कई जगह आकाशीय बिजली की वजह से जानवरों की भी मौत हुई है। हादसे में मृत लोगों के परिजनों के लिए सरकार की तरफ से 4-4 लाख रुपये के मुआवज़े का ऐलान किया गया है। वहीं राजस्थान में आमेर के किले के पास वाच टॉवर पर चढ़कर सेल्फी ले रहे लोगों पर बिजली गिरने की घटना में भी आठ लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राजस्थान औऱ यूपी की घटनाओं की जानकारी दी गई। उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग पहले ही उत्तर भारत के कई स्थानों पर सोमवार सुबह तक मूसलाधार बारिश होने की चेतावनी जारी की थी। राजस्थान के कई हिस्सों में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में सात बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 13 लोग घायल हो गए. बिजली गिरने से 10 बकरियों सहित 13 जानवरों की भी मौत हो गई. वहीं उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से 40 लोगों की भी मौत हो गई. यूपी में सबसे ज़्यादा 14 मौतें प्रयागराज में हुई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन मौतों पर दुख भी जताया है और मरने वालों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं। कानपुर की चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक हफ्ते पहले तेज बारिश की एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन चूंकि बिजली गिरने की जगह पहले से नहीं बताई जा सकती इसलिए इससे बचाव मुश्किल है.वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वक़्त अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मानसूनी हवाएं उत्तर की तरफ आ रही हैं. ट्रफ लाइन के दोनों तरफ बारिश हो रही है. जब दो तरफ से आ रही मानसूनी हवाएं आपस में टकराती हैं तो बिजली गिराने वाले काले बादल बनते हैं। आसमानी बिजली की गर्मी सूरज की सतह से कई गुना ज्यादा होती है।
चूंकि बिजली वायुमंडलीय दबाव की वजह से गिरती है, इसलिए उसका सही वक्त या जगह की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. शहरों में ऊंची इमारतों पर लाइटनिंग कंडक्टर लगा होने की वजह से वो बिजली को खींच कर ज़मीन के नीचे पहुंचा देता है, लेकिन गांवों में ऐसा नहीं है.उत्तर प्रदेश की क़रीब 24 करोड़ आबादी में क़रीब 18 करोड़ लोग गांवों में रहते हैं. इन्हें खेती करने, खेतों में मजदूरी करने और जानवर वग़ैरा चराने के लिए ज़्यादातर खुले आसमान के नीचे ही रहना होता है. ऐसे में यह आसानी से आसमानी बिजली का शिकार हो जाते हैं।
कहां कितनी मौतें—
प्रयागराज – 14
कानपुर देहात – 5
फतेहपुर – 5
कौशाम्बी – 4
फ़िरोज़ाबाद – 2
उन्नाव – 2
रायबरेली – 2
हरदोई – 1
झांसी – 1