उत्तराखण्ड
26 मार्च 2021
लाॅकडाउन को लेकर वर-वधू पक्ष असमंजस में
काशीपुर। चाहे जो भी हो, हाथ पीले हो, इसका सपना हर कोई देखता है और जब सपना पूरा होने लगता है, तो एक अलग खुशी प्राप्त होती है। घर में नई बहू का आगमन, बिटिया का हाथ पीले होना और घर में खुशियों का माहौल बनना, एक नए परिवार के परिवेश में आना जीवन का सबसे महत्वपूर्ण फैसला होता है। आगामी अप्रैल के प्रथम सप्ताह से शहर व ग्रामीण अंचलों में शादियां के शुभ मुहूर्त शुरू होने वाली है, जो माह के अंतिम सप्ताह तक चलेंगी। वर-वधू पक्ष शादियों की तैयारियों में जुटा हुआ है, लेकिन शहर व गांवों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने इन परिवारों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल ऐसी ही स्थिति में लाकडाउन हुआ था, जिसके चलते कई शादियां निरस्त हो गई थीं। इस साल भी स्थिति को देखते हुए लाकडाउन होने की आशंका बढ़ गई है। हालांकि अभी तक लॉकडाउन नहीं हुआ है लेकिन कोरोना को लेकर रोज गाइडलाइन जारी हो रही है।
उत्तर प्रदेश व कई राज्य में तो शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। वहीं राज्य सरकार ने स्थिति को देखते हुए प्रदेशभर के स्कूल, कालेज बंद कर दिया है, ऐसे में कब लाकडाउन की घोषणा हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। इसे लेकर अप्रैल माह में शादी करने वाले अधिकांश परिवारों की चिंता बढ़ गई है। उन्हें लाकडाउन होने की आशंका सताने लगी है। लाकडाउन के चलते शादी का जश्न पिछले साल की तरह कहीं किरकिरा न हो जाए, इसे लेकर वर-वधू व स्वजनों की चिंता बढ़ गई है। शादी के लिए अधिकांश परिवार आमंत्रण कार्ड प्रकाशित कर स्वजनों को वितरण भी कर चुके हैं। शादी शुरू होने में कुछ ही दिन शेष है। ऐसे परिवार कोरोना से संबंधित खबरों पर विशेष नजर रखे हुए है।
पिछले साल रोकनी पडी थीं शादियां
कोरोना संक्रमण के चलते लाकडाउन की घोषणा के बाद पिछले साल कई शादियां निरस्त हो गई। कार्ड प्रकाशित व वितरण के बाद भी शादियां नहीं हो पाई थी। शासकीय फरमान में शादी में आठ से 10 स्वजनों को ही शामिल होने की अनुमति मिली थी। वहीं पुलिस व प्रशासन से शादी के लिए अनुमति समेत कई तरह के नियम लगा दिए थे, इससे लोग परेशान हो गए थे। ऐसे में पूरी तैयारी होने के बाद भी शादियां निरस्त हो गई। इस साल अप्रैल माह में अधिकांश शादियां है, जिसकी तैयारी लगभग स्वजनों ने पूरी कर ली है। यदि शासन स्तर से लाकडाउन की घोषणा होती है, तो ऐसे परिवारों के शादियों पर खतरा मंडरा सकता है। शादियों को लेकर फिलहाल शासन से कोई नियमावली जारी नहीं हुई है।