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अफसर खुद को जनप्रतिनिधि न समझें – सीएम

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विकास कुमार

उत्तराखण्ड
6 जुलाई 2020
अफसर खुद को जनप्रतिनिधि न समझें – सीएम
देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन देना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ जांच होगी। विगत दिवस विजिलेंस की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह निर्देश दिए। वे बोले, ट्रैप और जांच सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए ट्रैपिंग सिस्टम में लापरवाही करने वाले अफसरों की जिम्मेदारी तय की जाए और कार्रवाई भी की जाए। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि शासन स्तर से अहम मामलों में गोपनीय की जगह खुली जांच और सीधे एफआईआर की कार्रवाई हो। इंटेलीजेंस कलेक्शन और संदिग्ध केस में एसीएस सतर्कता के अनुमोदन के बाद निदेशक अपने स्तर से आरोपी के घर और अन्य स्थानों पर रेड की मंजूरी दे सकेंगे। अभिसूचना-सुरक्षा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री बोले, अभिसूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। इसके लिए थाना स्तर पर निरंतर समन्वय स्थापित हो। सोशल मीडिया की निगरानी के लिए सिस्टम मजबूत बनाया जाए। सीएम के कहा कि अफसर खुद को जनप्रतिनिधि न समझें राज्य में अक्सर नौकरशाह और जनप्रतिनिधियों के बीच होने वाले अहम के टकराव का मुद्दा फिर उठा है। लेकिन, इस बार मुख्यमंत्री ने कड़े और साफ शब्दों में जनप्रतिनिधियों का पक्ष लिया है।

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