अब ज्वैलर्स को भी लेनी पड़ेगी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी

अब ज्वैलर्स को भी लेनी पड़ेगी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी

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उत्तराखण्ड
18 फरवरी 2021
अब ज्वैलर्स को भी लेनी पड़ेगी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी
देहरादून। अब तक ग्रीन उद्योग में आने वाली ज्वेलरी इंडस्ट्री भी प्रदूषण के दायरे में आएगी। सोने की परख, हॉलमार्किंग या निर्माण से जुड़े काम करने वाले ज्वेलर्स को अब काम के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की सहमति(एनओसी) जरूरी होगी। एनजीटी के निर्देश पर पीसीबी ने इसके लिए गाइड लाइन भी तैयार कर ली है। अगली बोर्ड बैठक में सहमति शुल्क और अन्य मुद्दों पर फैसला होगा। अब तक ज्वेलर्स को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कोई एनओसी या अन्य तरह की सहमति नहीं लेनी पड़ती थी। इसे ग्रीन इंस्ट्री की कैटेगरी में रखा गया था और इसमें किसी तरह का प्रदूषण ना होने की बात कही जाती थी। लेकिन एनजीटी ने कुछ शिकायतों के बाद पाया कि सोने के निर्माण,परख या हॉलमार्किंग आदि करने में कई तरह के केमिकल, लैड, एक्सरे के उपयोग सहित कई ऐसी प्रक्रियाएं होती हैं जिनसे जल और वायु प्रदूषण होता है। इन कामों से कई खतरनाक प्रदूषक भी निकलते हैं। इसके बाद एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सभी राज्य बोर्डों को सोने का काम करने वाले ज्वेलर्स को भी प्रदूषण दायरे में लाकर प्रदूषण नियंत्रण के निर्देश दिए गए। जिसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी देहरादून, क्षेत्रीय अधिकारी हरिद्वार, क्षेत्रीय अधिकारी हल्द्वानी और क्षेत्रीय अधिकारी यूएस नगर को इसकी गाइडलाइन जारी करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

ये होंगी कुछ जरूरी गाइडलाइन
-सभी को पीसीबी से एनओसी लेनी होगी।

  • इस काम में लगे कर्मचारियों का साल में एक बार ब्लड टेस्ट कराना होगा।
  • सारी केमिकल या अन्य पदार्थों के उपयोग और डिस्पोजल का रिकार्ड रखना होगा।
  • कर्मचारियों को एसिड ग्लब्ज और हेलमेट सहित सुरक्षा उपकरण देने होंगे।
  • काम की जगह में धुआं निकलने के लिए विशेष चिमनी लगानी होगी।

अंकुर कंसल, पर्यावरण अभियंता पीसीबी ने बताया कि अभी तक सुनारों को पीसीबी से एनओसी की जरूरत नहीं थी। क्योंकि ये ग्रीन इंडस्ट्री में आते थे। लेकिन अब सोने की परख,निर्माण और हॉलमार्किंग से जुड़े सुनारों को एनओसी लेनी पड़ेगी। इसके लिए सहमति और संचालन शुल्क का निर्धारण अगली बोर्ड बैठक में किया जाएगा। सिर्फ बेचने वाले सुनार इसके दायरे में नहीं आएंगे।

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