उत्तराखण्ड
5 जुलाई 2024
अभ्यर्थियों ने यूकेपीएससी पर भेदभाव करने का लगाया आरोप
काशीपुर। गन्ना पर्यवेक्षक की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने यूकेपीएससी पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। गन्ना आयुक्त कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। वर्ष 2016 और वर्ष 2024 की भर्तियों में समान नियम होने के बाद भी उनको अयोग्य घोषित कर दिया
गया।
यूकेपीएससी की गन्ना पर्यवेक्षक की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने गन्ना आयुक्त कार्यालय में शिकायती पत्र दिया। पत्र में कहा कि दिसंबर 2023 में गन्ना पर्यवेक्षक पद के लिए उन्होंने आवेदन किया था। जिसकी बीती 24 फरवरी 2024 को लिखित परीक्षा हुई। बीती मई में घोषित परिणाम में वह उत्तीर्ण भी हो गए। आरोप है कि आयोग ने कृषि में दो वर्षीय डिप्लोमा की जगह कृषि अभियंत्रण में तीन डिप्लोमा होने के बाद भी उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। जबकि गन्ना विभाग ने कृषि व कृषि अभियंत्रण दोनों को एक समान मान रखा है। कहा कि 2016 में यूबीटीईआर की ओर से इसी पद के लिए कृषि अ भियंत्रण डिप्लोमा धारियों का चयन हो चुका है। और वह लोग वर्तमान में नौकरी कर रहे है। इस बार उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की ओर से परीक्षा आयोजित की गई थी। जहा उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है। जो कि आयोग का एक भेदभावपूर्ण पूर्ण निर्णय है। उन्होंने गन्ना आयुक्त से उन्हें अयोग्य घोषित किए गए अभ्यर्थियों की नियुक्ति कराने की मांग की है। पत्र देने वालों में गौरव पांडे, मनाली चौधरी, मोहम्मद यासीन समेत आदि मौजूद रहे।
