उत्तर प्रदेश
12 अगस्त 2021
अयोध्या की सीमाएं सील, होटल कराये गये खाली
अयोध्या। सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 11 अगस्त से झूलोत्सव (झूला मेला) की शुरुआत हो चुकी है। कोरोना के चलते श्रद्धालुओं के आने पर प्रतिबंध है। हालांकि, 500 साल बाद यह पहला मौका है कि जब रामलला 21 किलो की चांदी के झूले में विराजमान होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर के पुजारी को झूला सौंप दिया है। इस भव्य झूले में रामलला को झुलाने के लिए लगी डोरी भी चांदी की हैस झूले पर रामलला के साथ लखनलाल, भरत और शत्रुघ्न 13 अगस्त को नागपंचमी से झूलेंगे झूले पर भी रामलला एक और छोटे सिंहासन पर सबसे ऊंचे स्थान पर बैठेंगे। सावन मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ न जुटने पाए, इसके लिए प्रशासन हर कोशिश कर रहा है। प्रशासन ने अयोध्या से लगी अंबेडकरनगर, बाराबंकी, बस्ती से जुड़ी सीमाएं सील कर दी गई है। जो श्रद्धालु अयोध्या में ठहरे हुए हैं, उन्हें तुरंत वापस जाने की मुनादी प्रशासन द्वारा कराई जा रही है। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने लोगों से अपील की है कि वे लोग अयोध्या न आएं। स्थानीय लोगों को पहचान पत्र देखने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र ने झूले की आरती और पूजा कर उसे रामलला के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को सौंपा है उन्होंने ट्रस्ट के इस कार्य की तारीफ की और कहा कि अब रामलला की भव्य सेवा हो रही है और ट्रस्ट के सहयोग से ही यह संभव हो पा रहा है ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि श्रावण शुक्ल तृतीया से अयोध्या में झूला मेला शुरू हुआ है। मंदिरों में भगवान को झूलन पर रक्षाबंधन पर्व तक झुलाया जाएगा। गीत सुनाए जाएंगे। रामलला के लिए चांदी का 21 किलो का झूला बनवाया है, जिसे प्रभु को समर्पित कर दिया।