उत्तराखण्ड
3 अप्रैल 2021
असमंजस: सुनिए रास्ते में उतार कर तो नहीं करेंगे कोरोना जांच
हल्द्वानी। संक्रमण से बचाव को लेकर एक अप्रैल से नए नियम लागू होने की वजह से रोडवेज बस में बैठने से पहले यात्री पूछताछ केंद्र और स्टॉफ से यह सवाल कर रहे है कि अगर दिल्ली या बरेली जाए तो रास्ते में बस से उतार कोरोना टेस्ट तो नहीं होगा। पहले दिन 22 लोग यह सवाल करने के बाद वापस लौट गए। असमंजस की स्थिति के बीच रोडवेज कर्मी भी लोगों को स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे। हरियाणा व दिल्ली समेत 12 राज्यों से आने वाले यात्रियों की उत्तराखंड में कोविड रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई। बार्डर पर चेकिंग के साथ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के आने के बाद सवारियों की कोरोना जांच कर उन्हें होम आइसोलेट किया जा रहा है। वहीं, हल्द्वानी से बाहर जाने वाले यात्री इस बात को लेकर असमंजस में है कि दिल्ली, बरेली आदि रूटों पर जाने पर रास्ते में स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच तो नहीं करेगी।
रोडवेज की इनकम होगी प्रभावित
पिछले साल तीन महीने तक रोडवेज का संचालन पूरी तरह बंद रहा। 25 जून को संचालन शुरू होने पर पहल दूसरे राज्यों में जाने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद जैसे-तैसे संचालन पटरी पर आया। अप्रैल में गर्मियों की शुरूआत के साथ ही पर्यटक सीजन भी चालू हो जाता है। इसे लेकर रोडवेज भी तैयारियों में जुटा हुआ था। मगर अब 12 राज्यों के यात्रियों को उत्तराखंड में आने से पहले कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होने की वजह से यात्रियों की संख्या भी घटने लग गई। जिससे रोडवेज की इनकम का प्रभावित होना भी लाजिमी है।