उत्तराखण्ड
21 जनवरी 2023
उत्तराखंड और महाराष्ट्र पुलिस ने किया कॉल सेंटर का भांडाफोड़
देहरादून। देश में एक ऐसे कॉल सेंटर का भांडाफोड़ किया गया है जो, लोन रिकवरी की आड़ में आमजन को ठग रहा था. यह पर्दाफाश उत्तराखंड और महाराष्ट्र पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में संभव हो सका है. यह अड्डा औरंगाबाद जनपद में चलाया जा रहा था. ठगी के इस अंतरराज्यीय अड्डे से 15 सौ मोबाइल सिम कार्ड और 2 सिम बॉक्स भी जब्त किए गए हैं. इस बारे में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन उत्तराखंड को लंबे समय से लगातार शिकायतें मिल रही थीं. ठगी का यह काला कारोबार भारत के विभिन्न कोनों में ‘लोन एप’ के माध्यम से एक संगठित गिरोह द्वारा किया जा रहा था.बताना जरूरी है कि उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में बीते कई माह से राज्य पुलिस की कई टीमें इस तरह के ठगी के अड्डों को तबाह करने में जुटी हुई हैं. मुख्य रुप से वे ठगी के अड्डे जो ऑनलाइन साइबर ठगों द्वारा चलाए जा रहे हैं. अब महाराष्ट्र पुलिस के साथ मिलकर उत्तराखंड एसटीएफ ने कॉल सेंटर की आड़ में लोन रिकवरी के बहाने जो ऑनलाइन ठगी का अड्डा तबाह किया गया है, इसके बारे में भी राज्य पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स बीते कई दिनों से खुफिया जानकारियां जुटाने में लगी थी. इस बाबत राज्य पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने ही आदेश दे रखे थे. ताकि ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के अड्डों को तबाह करके, आमजन को घर बैठे-बैठे ही लुटने से बचाया जा सके. उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों में पैनी नजर रखे जाने के दौरान ही औरंगाबाद से संचालित ऑनलाइन ठगी के इस अड्डे का पता चला था. शुक्रवार रात एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने टीवी9 भारतवर्ष से कहा, ” हमारा ध्यान फिलहाल प्राथमिकता पर ऐसे ही ऑनलाइन साइबर गैंग्स पर है. जो इंसानों के उनके घर बैठे ही ठग ले रहे हैं. इसी क्रम में लूनिया मोहल्ला निकट कालिका मन्दिर देहरादून निवासी के साथ कुछ समय पहले 17 लाख रुपए की ऑनलाईन लोन एप के जरिए ठगी का मामला सामने आया था. उस शिकायत की जांच में प्रथम दृष्टया पाया कि भारत सरकार के छब्त्च् पोर्टल पर भी, ऐसे फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों की विभिन्न शिकायतें मौजूद थीं.” इन शिकायतों की जांच साईबर थाने की महिला सब-इंस्पेक्टर रोशनी रावत को सौंपी गई थी. उन्होने प्राथमिक जांच में साइबर थाने में 29 दिसंबर 2022 को आईटी एक्ट सहित तमाम अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. जांच के लिए गठित टीम ने करीब 75-80 फर्जी लोन एप को बन्द कराने के लिए कार्रवाई की. साथ ही फर्जी लोन के नाम पर ैडै का प्रयोग कर लगभग 70 ैडै भ्म्।क्म्त् को चिन्हित किया गया. साथ ही इन्हें बंद करवाने की कार्रवाई भी अमल में लाई गई. दर्ज मुकदमे में अंकुर ढींगरा पुत्र अनिल ढींगरा निवासी एन-2ध्79 मोहन गार्डन उत्तम नगर नई दिल्ली को उसके कार्यालय से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा बताया गया था कि वह चीनी मूल कई नागरिकों को 2019-20 में औरंगाबाद ले गया था. जांच में पता चला है कि एक ही मोबाइल कंपनी के 77 नंबर की एक विशेष सीरीज से लोगो को लोन ंचचे के सन्दर्भ में, पैसे वसूलने का काम भी किया जा रहा है. गहनता से नंबरों को चेक करने पर साफ हुआ कि एक साथ 32 सिम चार अक्टूबर सन् 2022 को, एक ही कंपनी यश इंटरप्राइजेज द्वारा पोर्ट करके लिए और एक्टिवेट किये गए थे. इस बारे में साइबर थाना देहरादून की टीम और औरंगाबाद पुलिस (महाराष्ट्र पुलिस) के साथ मिलकर ज्वाइंट ऑपरेशन किया गया. तब इस पैठण गेट औरंगाबाद स्थित कॉल सेंटर पर रेड डाली गई. मौके पर एक कॉल सेंटर संचालित था. जहां लगभग 150 लोग पब्लिक से फोन पर जबरन वसूली कर रहे थे. इन कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि कंपनी का मालिक, सैय्यद जोहेब विभिन्न टीम लीडर्स के माध्यम से इनको काम देता था.