उत्तराखंड में एक बार फिर नए जिलों की मांग हुई तेज

उत्तराखंड में एक बार फिर नए जिलों की मांग हुई तेज

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उत्तराखण्ड
5 जनवरी 2024
उत्तराखंड में एक बार फिर नए जिलों की मांग हुई तेज
उत्तरकाशी। उत्तराखंड में एक बार फिर नए जिलों की मांग तेज हो गई है। इस बार उत्तरकाशी के बड़कोट से ​इसको लेकर पहल की गई है। पृथक यमुनोत्री जिला बनाने की मांग को लेकर यमुनोत्री जिला बनाओ संघर्ष समिति ने गुरुवार को तहसीलदार बड़कोट के माध्यम मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

ज्ञापन में समिति ने यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत और डीडीहाट को अतिशीघ्र जिला बनाने की मांग की है। मांग पर अमल न करने पर उन्होंने उग्र आंदोलन को चेताया है। बता दें कि प्रदेश में लंबे समय से चार नए जिलों की मांग चल रही है।

पृथक जिला बनाने की मांग को लेकर ष्यमुनोत्री जिला बनाओ संघर्ष समितिष् ने गुरुवार को तहसीलदार धनीराम डंगवाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश निशंक पोखरियाल के कार्यकाल में जनहित को देखते 4 नए जिलों की घोषणा की थी।

जो करीब 14 साल बीतने के बाद भी धरातल पर नहीं उतरी है। उन्होंने सीएम से जनहित को देखते चारों जिले (यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत व डीडीहाट) को अमलीजामा पहनाने की अपील की है। कहा यदि धामी सरकार यदि जिलों के निर्माण में बिलंब करती है, तो क्षेत्र के युवा अनिश्चितकालीन धरना/प्रदर्शन के साथ आंदोलन करने को बाध्य होंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।

उत्तराखंड अलग राज्य गठन के बाद से ही यहां नए जिलों की मांग उठने लगी थी, उत्तराखंड साल 2000 में 13 जिलों के साथ अस्तित्व में आया था। 15 अगस्त, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने चार नए जिलों के निर्माण की घोषणा की। इनमें उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री, पौड़ी में कोटद्वार, अल्मोड़ा में रानीखेत और पिथौरागढ़ में डीडीहाट को नया जिला घोषित किया गया।

लेकिन निशंक के सीएम पद से हटते ही ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वर्ष 2012 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने नए जिलों की भाजपा सरकार की घोषणा को दरकिनार कर राजस्व परिषद के अंतर्गत पुनर्गठन आयोग बनाकर ये मामला सौंप दिया।

वर्ष 2016 में हरीश रावत ने बतौर सीएम नए जिलों को लेकर कदम बढ़ाए। उन्होंने एक साथ आठ नए जिलों के निर्माण का इरादा जताया। यह बात अलग है कि तब उन्होंने नए जिलों के नाम सार्वजनिक नहीं किए। इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने दूसरे कार्यकाल में इस बात के संकेत दिए हैं कि नये जिलों की मांग पर कदम आगे बढ़ाया जाएगा। इस बीच भाजपा सरकार में रुड़की, रामनगर, कोटद्वार, काशीपुर और रानीखेत को जिला बनाए जाने की चर्चा हुई। अब एक बार फिर पुराने चार जिलों को बनाने की मांग तेज होने लगी है।

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