उत्तराखण्ड
24 अप्रैल 2020
एक महीने में दुनिया ही बदल गई
काशीपुर। कोरोना वायरस के चलते पूरे देशभर में लगे लॉकडाउन को आज (24 अप्रैल) से 30 दिन पूरे हो गए। मॉल की चहल-पहल, मल्टीप्लेक्स में फिल्मों की धूम, सड़कों पर गाड़ियों का रेला नहीं दिख रहा। खेल की गतिविधियां रुक गईं। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। पढ़ाई अब ऑनलाइन हो रही है। चिड़ियाघर में अब सिर्फ वन्यजीवों का राज है। दूसरे शहरों, राज्यों या देशों के लिए परिवहन ठप है। लॉकडाउन से कोरोना पर तो लगाम कसी पर दूसरी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हजारों मरीजों की जिंदगी दांव पर लग गई है। जांचें, ओपीडी सब ठप हैं। कैंसर मरीजों के ऑपरेशन तक नहीं हो रहे हैं। पीजीआई, लोहिया संस्थान और केजीएमयू में नए कैंसर मरीज नहीं लिए जा रहे हैं। फेफड़े के कैंसर से पीड़ितों को तो डॉक्टर कोरोना समझकर इलाज करने से गुरेज कर रहे हैं। करीब 30 दिन पहले सरकारी अस्पतालों के 90 से 95 प्रतिशत बेड भरे रहते थे। अब 60 प्रतिशत बेड खाली हैं। इन्हें कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। ट्रॉमा सेंटर के 400 बेड तो भरे रहते थे। 150 स्ट्रेचर पर भी मरीजों लिटा कर इलाज मुहैया कराया जाता था। इस वक्त ट्रॉमा में केवल 153 मरीज भर्ती हैं। सभी प्रमुख अस्पतालों के कई वार्डों में एक भी मरीज नहीं है। वहीं 80 प्रतिशत प्राइवेट अस्पताल नए मरीज नहीं ले रहे हैं। 24 घंटे यात्रियों से गुलजार रहने वाले स्टेशनों पर अजीब सा सन्नाटा पसरा है। रेल पटरियां सूनी हैं। हजारों रेल कर्मियों और लाखों यात्रियों की जिंदगी ठहर सी गई है। 291 ट्रेनों से करीब डेढ़ लाख यात्री चारबाग रेलवे स्टेशन से 24 घंटे में सफर करते थे। दिल्ली, मुम्बई, कलकता, जम्मू, बंगलौर, हावड़ा, पंजाब समेत कई राज्यों के बीच ट्रेनें चलती थी।