कांवड यात्रा - हर-हर महादेव, बोल बम के जयकारों से गूंजा नगर

कांवडियों पर भी पड़ी मंहगाई की मार

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संदीप कुमार

उत्तराखण्ड
3 जुलाई 2022
कांवडियों पर भी पड़ी मंहगाई की मार
हरिद्वार। कांवड़ मेला 10 से शुरू हो रहा है सरकार ने इसकी सारी तैयारियों पूरी कर ली है। मगर इस बार कांवड़ियों को कांवड़ खरीदने के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ेंगी। कांवड़ बनाने की सामग्री महंगी होने के कारण इस बार दोगुनी रेट पर यह बेची जाएगी। 250 रुपये वाली कांवड़ 500 रुपये की हो गई है। कांवड़ बनाने में उपयोग होने वाला बांस, कपड़ा, सजावट का सामान, डंडा, टोकरी, छींका आदि सभी सामग्री के दाम पूर्व के मुकाबले इस बार आसमान छू रहे हैं।
महंगी सामग्री के करण कांवड़ को बनाने वाले कारीगर को ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। कांवड़ बनाने की कीमत में इजाफे से इसका असर कांवड़ की बिक्री पर पड़ेगा। यही कारण है कि इस बार हरिद्वार में कांवड़ियों को कांवड़ खरीदने के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

90 फीसदी कारीगर मुस्लिम रू हरिद्वार की उपनगरी ज्वालापुर में कई दशकों से कांवड़ बनाने का कार्य किया जा रहा है। कांवड़ बनाने वाले कारीगर अपनी कई पीढ़ियों से शिवभक्तों के लिए कांवड़ बनाते आ रहे हैं। 90 फीसदी कारीगर मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखते है। घर के बुजुर्ग, बच्चे, युवा और महिलाएं मिलकर हाथों से शिवभक्त कांवड़ियों के लिए कांवड़ तैयार करते हैं। चार माह पहले कांवड़ का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाता है। ज्वालापुर में कांवड़ का निर्माण करने के बाद सावन माह में हरिद्वार बिक्री के लिए लेकर जाते हैं।

ज्वालापुर के कांवड़ बनाने वाले कारीगर मो. सिकंदर, नईम, शहजाद, लीला चौधरी आदि का कहना है कि कांवड़ बनाने की सामग्री महंगी हो गई है। दो साल पहले सभी प्रकार की 1500 कांवड़ बनाने का खर्चा करीब चार लाख 50 हजार आता था, जो इस बार बढ़कर नौ लाख 50 हजार तक पहुंच गया है। 70 से 75 फीसदी माल मार्केट से उधार उठाते हैं। बिक्री के बाद पैसा वापस लौटाया जाता है। महंगाई के कारण इस बार कांवड़ियों को कांवड़ दोगुने महंगे दामों पर मिलेगी।

कितनी महंगी हुई कांवड़
कांवड़ दाम पहले दाम अब
छींके वाली 180 300
टोकरी वाली 200 350
एक मंजिल 150 250-300
दो मंजिल 250 500
तीन मंजिल 500 1000-1200
चार मंजिल 1000 2000
पांच मंजिल 3000-5000 7000-9000 नोटरू दाम रुपये में।

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