उत्तराखण्ड
31 मार्च 2021
कुंभ में फिर फटा कोरोना बम एक ही जगह मिले 32 पाॅजिटिव
हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में कल यानी एक अप्रैल से महाकुंभ मेले की शुरूआत होने वाली है। लेकिन कुंभ मेले की शुरूआत से पहले ही वहां कोरोना वायरस संक्रमण के 32 नए मामले सामने आए है। कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद मेला प्रशासन की चिंता बढ़ा गई हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, कोरोना संक्रमित पाए गए 32 श्रद्धालु गीता कुटीर आश्रम में रूके हुए थे, जिनका कोरोना टेस्ट किया गया था। 32 श्रद्धालु संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आश्रम को सील कर दिया है। इससे पहले ताज होटल में 83 कोरोना के मरीज मिले थे।इसलिए हरिद्वार महाकुंभ पर भी कोरोना संकट मंडराने लगा है। कुंभ मेले के आईजी संजय गुंजयाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ये जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं सभी आश्रमों के संचालकों से कहना चाहता हूं कि आप सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग जरूर कराएं। अगर किसी श्रद्धालु को सर्दी, बुखार जैसे लक्षण हैं तो वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।
अप्रैल से शुरू होना है कुंभ
एक अप्रैल से हरिद्वार में महाकुंभ की शुरुआत होनी है। इस दौरान राज्य में भारी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। ऐसे समय में कोरोना के मामले आना उत्तराखंड के लिए चिंता का विषय है। बीते एक हफ्ते में जिले में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। हरिद्वार जिले में अभीतक 300 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं।
कुंभ के लिए केंद्र जारी की थी गाइडलाइन्स
- कुंभ मेले में आने वाले सभी भक्तों और संतों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- स्नान के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोरोना टेस्ट करना होगा और कोरोना नेगेटिव मेडिकल सर्टिफिकेट भी लाना होगा।
- महाकुंभ में गर्भवती महिलाओं, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों और 10 साल से काम उम्र के बच्चों के अलावा गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कुंभ मेले में न आने को प्रेरित किया जाना चाहिए।
- सोशल डिस्टन्सिंग, मास्क और सैनिटाइजर के प्रयोग को सुनिश्चित करने पर बल दिया जाना चाहिए।
- कुंभ मेले में थूकना प्रतिबंधित होगा।
- किसी भी प्रकार के प्रार्थना सभा के आयोजन को अनुमति नहीं होगी।
- मेले में पर्याप्त संख्या में एम्बुलेन्स की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही 1000 बीएड का अस्थाई अस्पताल भी बनाना होगा।
- वैक्सीन लगाए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही मेले में ड्यूटी पर लगाया जाना चाहिए।