उत्तराखण्ड
8 फरवरी 2020
कैबिनेट मंत्री को एक घंटे की सजा
देहरादून। प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री कोर्ट के समन की अनदेखी पर एक घंटे तक कठघरे में खड़े रहने की सजा झेलनी पड़ी। हालांकि हरक सिंह रावत के आग्रह करने पर कोर्ट ने आधे घंटे बाद उन्हें बैठने की अनुमति दे दी। कमाल की बात यह है कि हरक सिंह रावत ने इसे भी हल्के में ही लेने का फैसला किया है। मामला यह है कि उत्तराखंड सरकार में वन मंत्री हरक सिंह रावत अभी कोटद्वार विधानसभा से विधायक हैं। इससे पहले 2012 में वह रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर आए थे। 2012 चुनाव के दौरान ही आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में हरक सिंह रिटर्निंग अफसर से भिड़ गए थे। बात इतनी बढ़ गई थी कि रिटर्निंग अफसर ने हरक सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी थी. मामला कोर्ट में पहुंच गया और कोर्ट से हरक सिंह को पेशी के लिए एक से ज्यादा समन जारी किए गए, लेकिन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह लगातार इनकी अनदेखी करते रहे।
हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह को लगा कि मामला गंभीर हो रहा है तो वह एफआईआर निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट चले गए थे। लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सीजेएम कोर्ट रुद्रप्रयाग के समन पर हरक सिंह रावत व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। इस पर कोर्ट ने उन्हें सजा के रूप में एक घंटे तक कठघरे में खड़े रहने के आदेश दिए। हालांकि हरक सिंह की अपील पर कोर्ट ने आधे घंटे बाद उन्हें बैठने की इजाजत दे दी। इसके बाद इस मामले में हरक सिंह रावत को जमानत भी मिल गई। लेकिन कमाल की बात यह है कि हरक सिंह रावत इससे सबक लेते नजर नहीं आ रहे हैं. रामनगर में पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने हंसकर कहा कि यह आचार संहिता उल्लंघन का मामूली मामला है और जब आप राजनीति में होते हैं तो ऐसा होता ही रहता है।
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