उत्तराखण्ड
27 जनवरी 2024
सम्पादक लेख
क्या राजनैतिक पार्टियां पुत्र मोह की वजह से रसातल की तरफ जा रही है?
यह बात आप सब लोग जानते है कि पुत्र मोह की वजह से हस्तिनापुर राज्य बिखर गया था, राजनीतिक पार्टियों की तो बिसात ही क्या है, जब हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र में अपने बेटे दुर्याेधन को राजा बनाने की इच्छा पाली और उस इच्छा को कार्य रूप देने की कोशिश करी तो महाभारत का युद्ध हो गया, ऐसी ही इच्छा राजनीतिक पार्टियों ने अपने दिल में पाल रखी है, जिसके कारण यह पार्टियां रसातल की तरफ जा रही है, यह आधुनिक युग है इसमें पार्टी के अंदर तो महाभारत हो सकता है परंतु कुरुक्षेत्र रूपी मैदान में नहीं, अतः यह सवाल ठीक है कि पुत्र मोह के कारण ही यह पार्टियां बिखरती जा रही है?
हाँ, अगर कांग्रेस की बात करें तो यह सम्भव है कि कांग्रेस को अपने संगठन में कुछ बदलाव करना आवश्यक है जैसे कि लोगो के मन मे कांग्रेस पार्टी के लिए जो नकारात्मक धारणा बनी है उसको गलत साबित करना। जैसे कि कांग्रेस में केवल परिवार वाद को ही बढ़ावा दिया जाता है। कांग्रेस को पूरा रिफॉर्म होने की जरूरत है। यहाँ यह बात ग़ौर करने लायक़ है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए युवाशक्ति को आगे किया था जिसमें से एक ज्योतिरादित्य सिंधिया जो भाजपा में चले गये और सचिन पायलट को भाजपा में जाने के लिए प्रतीत हो रहे है। मगर कांग्रेसी आजकल राहुल गांधी को कांग्रेस की ओर से अगला प्रधानमंत्री घोषित करने में लगी हुई है। जबकि यहाँ सोचने वाली बात है कि डॉ मनमोहन सिंह अभी भी कांग्रेस में बने हुए हैं और उनके रहते किसी अन्य के बारे में कैसे सोचा जा सकता है? कांग्रेस कोे नए ओर प्रभाव शाली व्यक्तियों को आगे करना जरूरी है।
लेकिन अधिकतर पार्टियाों के पुत्रमोह की वजह से राजनीतिक व्यवस्था दूषित हो जाती हैं, राजनैतिक पार्टियां अपनी संतान के भविष्य को सुरक्षित करने के चक्कर में ईमानदार नेता, मेहनती कार्यकर्ताओं व राज्य का भविष्य खराब कर देती हैं। जिसका सीधा उदाहरण बिहार में चल रही राजनीतिक उथल-पूथल है।