चुपचाप उत्तराखंड लौटने वालों पर शिकंजा कसना शुरु

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उत्तराखण्ड
2 अप्रैल 2020
चुपचाप उत्तराखंड लौटने वालों पर शिकंजा कसना शुरु
देहरादून। निजामुद्दीन तबलीगी जमात में शामिल लोगों ने अपने साथ लोगों को भी खतरे में डाल रहे है सरकार के इतने प्रचार प्रसार के बावजूद जमात में लोगों को आखिर समझ क्यों नहीं आ रहा। उत्तराखंड से बाहर तबलीगी जमात के कार्यक्रमों में शामिल होकर चुपचाप उत्तराखंड लौटने वाले लोगों पर अब शिकंजा कसना शुरु हो गया है। उत्तराखंड पुलिस ने श्रीनगर में पांच लोगों पर और ऊधम सिंह नगर में भी कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। उत्तराखंड के डीजी (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार के अनुसार तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले उत्तराखंड के सभी 26 लोग अभी वहीं हैं और इसकी पुष्टि उनके मोबाइल्स की लोकेशन से भी कर ली गई है। डीजी (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से उत्तराखंड पुलिस ने एक जनवरी से ही उन सभी लोगों के बारे में जानकारी जुटाई है जो उत्तराखंड से बाहर तबलीगी जमातों में शामिल होने के लिए गए थे. इन लोगों की संख्या 713 है, जिनके सत्यापन की कार्रवाई मंगलवार से जारी है. डीजी (कानून-व्यवस्था) ने कहा कि जो जनवरी-फरवरी में आए हैं उनका तो क्‍वारंटाइन पीरियड भी पूरा हो गया है. पिछले 28 दिनों में आए लोगों को क्‍वारंटाइन करना जरूरी है और इसलिए अभी तक 173 लोगों को क्‍वारंटाइन किया गया है। ऊधम सिंह नगर में भी 13 जमातियों पर लॉकडाउन का उल्लंघन कर प्रदेश से बाहर जाकर बिना सूचना वापस आने पर केस दर्ज किया गया है. ऊधम सिंह नगर पुलिस के अनुसार 19 तारीख को जिले में 13 लोगों को धारा 144 का उल्लंघन करने पर हिरासत में लिया गया था और क्‍वारंटाइन किया गया था। निजामुद्दीन तबलीगी जमात का केस सामने आने के बाद पूछताछ में पता चला कि हल्द्वानी के रहने वाले 13 लोगों की यह जमात रुद्रपुर-हल्द्वानी रेलवे ट्रैक होते हुए मुरादाबाद गयी थी और जमात में शामिल होकर वापस लौट रही थी. इसका पता चलने पर अब पुलिस ने क्‍वारंटाइन किए गए इन 13 लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का मुकदमा रुद्रपुर कोतवाली में दर्ज कर लिया है. पौड़ी गढ़वाल पुलिस के अनुसार श्रीनगर की मस्जिद वाली गली में रहने वाली एक महिला ने बताया कि उनके मकान में किराए पर रहने वाला एक किराएदार अपने चार साथियों के साथ नजीबाबाद और अन्य जगहों से जमात करके आया है. पुलिस ने इस किराएदार से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह और उसके चार साथी फरवरी में टिहरी गए थे जहां वे 21 दिन रहे और फिर वहां से साहनपुर नजीबाबाद गए. वहां की जामा मस्जिद में 16 दिन रहे. 25 मार्च को लॉकडाउन होने के बाद ये लोग नजीबाबाद से सब्जी के ट्रकों में बैठकर चोरी-छिपे श्रीनगर पहुंच गए। इन लोगों ने न तो जमात में शामिल होने की जानकारी किसी को दी और न ही अपना कोई मेडिकल परीक्षण कराया. पुलिस ने इन सभी अभियुक्तों और इन्हें छुपाकर लाने वाले तीन ट्रक ड्राइवरों पर थाना श्रीनगर में केस दर्ज कर लिया है। हम सभी तबलीगी जमात के कार्यक्रमों में शामिल होकर चुपचाप उत्तराखंड लौटने वाले लोगों को विनम्र निवेदन करते है कि वह अपनी सूचना स्थानीय प्रशासन को दे। ताकि समय पर मेडिकल परीक्षण किया जा सके। पुलिस प्रशासन आपकी मदद के लिए है कृपया सहयोग दें।


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