उत्तराखण्ड
10 नवम्बर 2021
छठ पर्व – आज निर्जल व्रत की शुरूआत
काशीपुर। छठ पर्व के दूसरे दिन खरना श्रद्धा के साथ मनाया गया. दिन भर व्रत रहने के बाद महिलाओं ने शाम को रसियाव-रोटी ग्रहण की. इसी के साथ खरना व्रत पूर्ण हो गया। वहीं छठ के निर्जल व्रत की शुरुआत हो गई. छठ व्रत बुधवार यानी आज परंपरागत रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ मनाया जाना है. व्रती महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रहेंगी और सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ेंगी. व्रती महिलाओं के घर उत्सव जैसा माहौल कायम रहेगा. मंगलवार को छठ व्रत को लेकर नगर के विभिन्न स्थानों पर दुकानों पर खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ी. लगभग हर चौराहे पर सड़क की दोनों पटरियों पर इस व्रत में उपयोग में आने वाली पूजा सामग्री की दुकानें सजाई गईं। फल, सब्जी, सूपा, दउरा, गन्ना, गंजी, सुथनी, सिंघाड़ा आदि की खरीदारी हुई. देर रात तक बाजारों में चहल-पहल बनी रही.
बुधवार को सायंकालीन अर्घ्य का समय
छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को पूर्ण उपवास होता है. यह व्रत बुधवार को है. इस दिन सूर्याेदय 6. 33 बजे और षष्ठी तिथि दिन में 1.58 बजे तक है। इस दिन सूर्यास्त 5रू27 बजे है। इसी समय सांयकालीन अर्घ्य प्रदान किया जाएगा.
गुरुवार को प्रातः कालीन अर्घ्य का समय
षष्ठी व्रत की पूर्णाहुति चतुर्थ दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होती है। इस दिन सूर्याेदय 6ः34 बजे है. इसी समय प्रातःकालीन अर्घ्य दिया जाता है.
ऐसे करें पूजा
षष्ठी के दिन यानी बुधवार को सुबह वेदी पर जाकर छठ माता की पूजा होती है, इसके बाद घर लौट आएं.
दोपहर बाद घाट के पास जाएं, पूजन सामग्री चढ़ाएं व दीप जलाएं.
सूर्यास्त 5.27 बजे होगा, इस दौरान सूर्य को दीप दिखाकर प्रसाद अर्पित करें. दूध व जल चढ़ाएं तथा दीप जल को प्रज्जवलित करें.
गुरुवार को ब्रह्म वेला (भोर) में स्वजन के साथ निकलें और घाट पर पहुंचें. सूर्याेदय 6.34 बजे है। पानी में खड़े होकर सूर्य उदय का इंतजार करें.
सूर्य दिखने लगे तो दीप अर्पित कर उसे जल प्रवाहित करें, अंजलि से जल अर्पित करें, दूध चढ़ाएं और प्रसाद भगवान सूर्य को अर्पित करें.
प्रसाद को बांटे, घर आकर हवन करें और ओठगन, काली मिर्च तथा गन्ने के रस या शरबत से व्रत को खत्म करें.