उत्तर प्रदेश
20 नवम्बर 2019
मुरादाबाद (संवाददाता)। रामगंगा विहार स्थित जीवन उदय नशा मुक्ति केंद्र पर दो दिन खूब हाई वोल्टेज ड्रामा चला। एक महिला ने अपने पति से न मिलने देने की शिकायत की तो पुलिस प्रशासन सक्रिय हुई। संचालक कमलजीत ने पुलिस को घुसने नहीं दिया और ताला लगा कर चला गया। दूसरे दिन अफसरों ने किसी तरह ताला तुड़वाकर चांज की। कुल 48 भर्ती लोगों में 31 को मुक्त करवा लिया गया। बाकी के परिजनों को सूचना दे दी गई है। रामगंगा विहार स्थित जीवन उदय नाम से एक नशा मुक्ति केंद्र चल रहा है। केंद्र दो परिसरों में चलता है। इस केंद्र में संचालक की मनमानी की शिकायत एक महिला ने सिविल लाइन्स थाने में रविवार को की थी। उक्त महिला के अनुसार उसके पति को जेठ ने भर्ती करवाया दिया है। प्रॉपर्टी का कुछ मसला है। जब वह मिलने गई तो पति से मिलवाया नहीं बल्कि दूर से दिखाया। पति ने कुछ कहने की कोशिश की तो मुंह दबा दिया। पुलिस छानबीन करने पहुंची तो संचालक ताला लगाकर फरार हो गया। काफी मशक्कत की गई पर सोमवार को अफसर कुछ नहीं कर सके। इस बीच केंद्र में भर्ती लोगों के परिजनों को सूचना देकर बुलाया गया। मंगलवार को सीओ सिविल लाइन्स आदित्य लांग्घे, एसीएम प्रथम राजेश कुमार, मद्य निषेध अधिकारी गगन यादव और सिविल लाइन्स इंस्पेक्टर पहुंचे। नशा मुक्ति केंद्र के संचालक आज भी नहीं मिले तो अफसरों का पारा चढ़ गया। संचालक के पिता ने एक घंटे की मोहलत मांगी पर पुलिस नहीं मानी। इसके बाद काफी देर ड्रामा चलता रहा। बमुश्किल मुख्य द्वार खुलवा कर टीम अंदर गई और सरिया से ताला तुड़वा कर उस एरिया में पहुंचे जहां लोग भर्ती थे। दोनों परिसरों में 48 लोगों में रात तक 31 लोगों को मुक्त करवा कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया। देर रात तक परिजनों के आने का सिलसिला जारी था। रामगंगा विहार स्थित नशा मुक्ति केंद्र पर एक महिला ने पति से न मिलने देने की सूचना दी थी। महिला की शिकायत पर ताला तुड़वा कर जांच की गई। मंगलवार को 31 लोगों को मुक्त करवा दिया गया। शेष कल तक चले जाएंगे। दोनों परिसरों में 48 लोग भर्ती थे। यहां खामियां मिली हैं। नवल मारवाह, इंस्पेक्टर सिविल लाइन्स नशा मुक्ति केंद्र पर मैं मौके पर गया था वहां से मेरे सामने 18 लोगों को मुक्त करवा लिया गया। सभी के परिजन धीरे-धीरे आ रहे हैं। दो परिसर में स्थितियों का पुलिस ने जायजा लिया। मद्य निषेध अधिकारी ने अपने स्तर से इस मामले की जांच की है। वह इसकी रिपोर्ट सौंपेंगे । राजेश कुमार, एसीएम प्रथम कोई डाक्टर और अटेंडेंट नहीं मिला नियमानुसार यहां नशा मुक्ति केंद्र में एक डाक्टर होना अनिवार्य है। इसके साथ ही अटैंडेंट होना चाहिए। जो मानक तय हैं उनका पालन नहीं किया जा रहा था। इसकी किसी ने अभी तक जांच भी नहीं की। सोसायटी में रजिस्टर्ड है नशा मुक्ति केंद्र रामगंगा विहार की केसरी कुंज कालोनी में स्थित नशा मुक्ति केंद्र का रजिस्ट्रेशन सोसाइटी में है। इसको मद्य निषेध विभाग में कहीं सूचीबद्ध नहीं करवाया गया है।