उत्तर प्रदेश
30 अगस्त 2021
द्वारिकाधीश मंदिर और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का रेला
मथुरा। महायोगी श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव इस बार दुर्लभ संयोग के बीच हो रहा है। यानि की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के बीच जयंती योग में कान्हा सोमवार को रात 12 बजे जन्म लेंगे। इसी योग में कान्हा का जन्म द्वापर युग में हुआ था। ऐसा संयोग 27 वर्ष बाद हो रहा है। कान्हा के जन्माभिषेक के पल जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे मथुरा में श्रद्धालुओं के रेला बढ़ता जा रहा है। जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते जन्मस्थान के मुख्य द्वार पर भक्तों की लंबी कतारें लग गयीं। इसके चलते भक्तों को लंबी प्रतीक्षा के बाद प्रवेश मिल सका। शहर की सड़कों के साथ-साथ आसपास की कालोनियों में भी श्रद्धालुओं के टोल नजर आ रहे हैं। हालत ये ही कि जिसको जहां जगह मिल रही है, वह वहीं पर अपना डेरा डाल रहा है। कृष्ण जन्मोत्सव की लालसा में उमड़ रहे भक्तों के रेले को देखते हुए इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन, छावनी रेलवे स्टेशन, नया व पुराना बस स्टैंडों पर दिनभर भीड़ का रेला रहा।
यही नहीं निजी वाहनों व बसों के आगमन का दौर भी तेज हो गया। इसके चलते जन्मस्थान के यलो जोन श्रद्धालुओं की भीड़ से अटा रहा। सिर पर गठरी लिए महिला-पुरुष वृद्ध, जवान व बच्चों की भीड़ जगह-जगह नजर आ रही थी। भक्तों का यह रेला भारत विख्यात द्वारिकाधीश मंदिर और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी रहा। इसके चलते बार-बार शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम के हालात बने रहे। जाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन को यलो जोन में चौपहिया वाहनों व ऑटो-बैटरी रिक्शा के प्रवेश पर पाबंदी लगानी पड़ी। इसके बाद भी भक्तों का रेला बढ़ता जा रहा था। चहुंओर उल्लास और उमंग का वातावरण बना हुआ था। विद्युतीय प्रकाश और शहर के प्रमुख चौराहों की साज-सज्जा देख भक्त भाव-विभोर हो रहे थे। जिला प्रशासन को इस बार श्रद्धालुओं के अच्छी संख्या में आने की उम्मीद है।