उत्तराखंड
7 नवंबर 2021
काशीपुर। पूर्वांचल नागरिकों का प्रमुख चार दिवसीय छठ पर्व सोमवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। 10 को घाटों पर मुख्य रूप से छठ पूजा (Chhath Puja) होगी।इस बार पर्व को मनाने के लिए आमजन में खासा उत्साह है। तैयारियों को लेकर बाजार सज चुका है। संतान प्राप्ति और उसके खुशहाल जीवन की कामना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस पूजा का काफी महत्व है। काशीपुर की बात करें तो यहां बिहार के लोग इस पर्व को खासा उल्लास के साथ मनाते हैं।
शनिवार को मेन बाजार नई सब्जी मंडी में महिलाएं बांस का सूप, डाला, दउरा, गन्ना, नारियल आदि खरीदारी करती नजर आईं। इस पर्व को लेकर द्रोणा सागर मोटेश्वर महादेव नहर स्थित घाट पर सफाई के बाद पूजा की जाती है। हर वर्ष छठ पर खूब रौनक रहती है। बीते वर्ष कोरोना के चलते आमजन ने इस पर्व को घर पर ही सादगी से मनाया, लेकिन इस बार कोविड गाइडलाइन का पालन कर लोग में उत्साह दिख रहा है।
छठ पूजा महासभा सोमवार को करेगा घाटों की सफाई
नहाय-खाय की सुबह यानी सोमवार को महासभा से जुड़े लोग महादेव नहर स्थित घाटों की सफाई करेंगे। महासभा के महासचिव ने बताया कि बीते वर्ष कोरोना के चलते आयोजन नहीं हुए, लेकिन इस बार घाटों की सफाई की जाएगी और पूजा के लिए स्थान बनाए जाएंगे।
इस तरह होगा चार दिवसीय महापर्व
आठ नवंबर को नहाय-खाय के बाद व्रत रख घाटों की सफाई और पूजा होगी। नौ को खरना वाले दिन निर्जला व्रत रख शाम को खीर का प्रसाद के साथ व्रत खोला जाएगा। 10 नवंबर को विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी यानी ढलते सूर्य को जल अर्पित कर अर्घ्य दिया जाएगा, जबकि 11 नवंबर को उदीयमान यानी उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व संपन्न होगा।
सूर्य उपासना करने से प्रसन्न होती है छठी मइया
मान्यता के अनुसार छठी मइया भगवान सूर्य की बहन है। इस पर्व में दोनों की पूजा की जाती है। छठ का व्रत कठिन माना जाता है। मान्यता है कि सूर्य उपासना करने से छठी मइया प्रसन्न होती है और पुत्र, दीर्घायु, परिवार को सुख शांति और धन-धान्य से परिपूर्ण करती है। उन्होंने बताया कि पर्व के दूसरा यानी खरना वाले दिन रात में खीर खाकर 36 घंटे के लिए कठिन व्रत रखा जाता है।