उत्तराखण्ड
2 मई 2024
निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने दिये सभी जिलाधिकारी को निर्देश
देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा के बाद अब निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। इसे लेकर निर्वाचन आयोग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त सचिव राहुल कुमार गोयल ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर मतदाता सूचियों में कई मतदाताओं के नाम न होने और अन्य गलतियों को सुधारने के निर्देश दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार नगर निगम देहरादून के वार्डों की मतदाता सूची बनाते समय बीएलओ की ओर से वार्डों की सीमाओं व स्वरूप का संज्ञान नहीं लिया गया और लापरवाही से मतदाता सूची तैयार की गई है। जिसके कारण मतदाता सूचियों में भारी कमियां पाई गई हैं।
ऐसे में उत्तर प्रदेश नगर निकाय (निर्वाचक नामावली का तैयार किया जाना और पुनरीक्षण) पूरक उपबंध आदेश 1999 के तहत निर्वाचक नामावली में सुधार किया जाए। इसके लिए सभी जिलों के निकायों के प्रत्येक वार्ड में 7 दिन के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में मतदाता सूचियां में मतदाताओं के नाम जोड़ने के साथ ही अन्य गलतियों को ठीक किया जाएगा और अगले 15 दिन के भीतर आयोग को इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
संयुक्त सचिव राहुल कुमार गोयल ने देहरादून जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि देहरादून नगर निगम के सभी 100 वार्डों के अंतर्गत तमाम मोहल्ले की मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम शामिल नहीं हैं। ऐसे में यदि किसी नामावली में बहुत से निर्वाचकों के नाम छूट जाने की शिकायत मिलती है तो जिला मजिस्ट्रेट, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के जरिए जांच कराएंगे। यदि नामावली की शिकायत सही पाई जाती है तो निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अपनी जांच रिपोर्ट और संस्तुति जिला अधिकारी के माध्यम से आयोग को भेजेंगे। ऐसे में अगर आयोग आदेश दे तो नियमावली में ऐसे निर्वाचकों के नाम को सम्मिलित किया जाएगा
वहीं इस बीच 102 निकायों में से नौ निकाय ऐसे हैं, जहां फिलहाल चुनाव नहीं होंगे। इनमें दो निकायों की देरी तो पहले से चल रही है लेकिन चार निकायों में परिसीमन न होने की वजह से चुनाव लटक गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने अब 93 निकायों में चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। राज्य के तीन निकाय ऐसे हैं, जहां हिमाच्छादित क्षेत्र होने की वजह से निकाय चुनाव ही नहीं होते। चमोली जिले में नगर पंचायत बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग जिले में नगर पंचायत केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में नगर पंचायत गंगोत्री में इस बार भी चुनाव नहीं होंगे। ये अलग बात है कि इन तीनों धामों में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। ये तीनों निकाय प्रशासनिक व्यवस्था के तहत संचालित होते हैं।
नगर निगम रुड़की और नगर पालिका परिषद बाजपुर में पूर्व में परिसीमन संबंधी विवाद, हाईकोर्ट के आदेश के बाद देरी से चुनाव हुआ था। अब अन्य निकायों के चुनाव के समय नगर निगम रुड़की का कार्यकाल बचा है। चंद्रशेखर भट्ट, राज्य निर्वाचन आयुक्त का कहना है कि यहां कार्यकाल पूरा न होने से फिलहाल निकाय चुनाव नहीं हो सकते हैं। वहीं, नगर पालिका हर्बटपुर, नगर पालिका नरेंद्र नगर और नगर पंचायत कीर्तिनगर में भी अभी तक परिसीमन ही नहीं हो पाया है। लिहाजा, यहां भी निर्वाचन आयोग चुनाव नहीं कराएगा।