पीएनबी व ओरिएंटल बैंक नये नाम से साथ शीघ्र

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नई दिल्ली।
8 फरवरी 2020
पीएनबी व ओरिएंटल बैंक नये नाम से साथ शीघ्र
नई दिल्ली। नई ईकाई देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होने जा रहे पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स के विलय के बाद बनने वाली इकाई के लिये नया नाम और प्रतीक चिन्ह की घोषणा करेगा। बैंक के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। नई ईकाई जिसका कुल व्यापार आकार 18 लाख करोड़ रुपये का होगा। बता दें कि पिछले साल सरकार ने अन्य दो बैंकों (यूबीआई और यूनाइटेड बैंक) में विलय का फैसला किया था। इस मर्जर के बाद पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा.1 अप्रैल से ऑपरेशन में आएगा नया बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, सरकार विलय के बाद बनने वाली इकाई के नये नाम और प्रतीक चिन्ह की घोषणा करेगा. यह एक अप्रैल 2020 से परिचालन में आएगा. उसने कहा कि नये बैंक की पहचान बनाने को लेकर प्रतीक चिन्ह काफी महत्वपूर्ण है। इस बारे में तीनों सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में उच्च स्तर पर चर्चा हुई है। अधिकारी ने कहा कि तीनों बैंकों ने प्रक्रियाओं के मानकीकृत बनाने और तालमेल बैठाने को लेकर 34 समितियां बनायी थी। समितियों ने संबंधित निदेशक मंडलों को अपनी रिपोर्ट पहले ही सौंप दी है. इधर कैश में लेन-देन किया उधर मैसेज पर आ जाएगा इनकम टैक्स का नोटिस, अब होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग ।

विलय के बाद 1 लाख होगी कर्मचारियों की संख्या
उसने कहा, प्रमुख बैंक पीएनबी ने परामर्शदाता को नियुक्त किया है जो मानकीकरण और तालमेल बैठाने को लेकर निगरानी करेगा. इसमें मानव संसाधन, साफ्टवेयर, उत्पाद और सेवाओं से जुड़े मामले शामिल हैं। अधिकारी के अनुसार विलय के बाद बनने वाली इकाई में संयुक्त रूप से कर्मचारियों की संख्या एक लाख होगी.ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर? जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड मिलेंगे, उन्हें नए डीटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे।

एसआईपी या लोन ईएमआई के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है.

नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है.

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा.

जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा.

कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है.

मर्जर के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ईसीएस) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा.



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