फाइबर फैक्ट्री आग – अगले दिन मिला श्रमिक का कंकाल

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उत्तराखण्ड
14 अप्रैल 2021
फाइबर फैक्ट्री आग – अगले दिन मिला श्रमिक का कंकाल
रूद्रपुर। सिडकुल स्थित कंपनी में लगी आग में फंसे पीलीभीत निवासी श्रमिक की मौत हो गई है। मृतक के स्वजनों की सूचना के बाद कंपनी में चले सर्च अभियान में उसका कंकाल मिला। बाद में पुलिस ने पंचनामा भरकर डीएनए जांच के लिए सेंपल लिए। साथ ही कंपनी प्रबंधन ने मृतक श्रमिक के स्वजनों को 7.21 लाख रुपये का मुआवजा देने के साथ ही पीएफ से पेंशन देने का आश्वासन दिया। सिडकुल के सेक्टर सात स्थित थर्माकोल की प्लेट, गिलास बनाने वाली श्री दुर्गा फाइबर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में सोमवार दोपहर पहली मंजिल में बने गोदाम में आग लग गई थी। इस दौरान गोदाम में सात श्रमिक काम कर रहे थे। आग लगने के बाद छह श्रमिकों ने कूदकर अपनी जान बचाई। जबकि सातवां श्रमिक मूलरूप से ग्राम चुटकुना, थाना बिसलपुर और पीलीभीत और हाल ट्रांजिट कैंप निवासी 23 वर्षीय देवस्वरूप पुत्र हरपाल फंस गया था। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद दमकल के 12 वाहनों ने आग पर काबू पाया। आग बुझने के बाद दमकल कर्मियों ने फंसे श्रमिक की तलाश की लेकिन नहीं मिला। पुलिस के मुताबिक मंगलवार सुबह देवस्वरूप के पिता हरपाल और छोटा भाई संदीप तथा अन्य लोग सिडकुल चैकी पहुंचे और उसके लापता होने की सूचना दी। जिसके बाद चैकी प्रभारी सुरेंद्र सिंह, एसआई विपुल जोशी पुलिस कर्मियों के साथ कंपनी पहुंचे और सर्च अभियान चलाया। इस दौरान गोदाम में पुलिस को एक कंकाल मिला। कंकाल देखकर देवस्वरूप के पिता समेत अन्य नाते रिश्तेदारों में कोहराम मच गया। बाद में पुलिस ने पंचनामा भरकर डीएनए जांच के लिए सेंपल लिए। इस दौरान मृतक के स्वजनों की मांग पर 7.21 लाख का मुआवजा का चेक दिया गया। अमित कुमार, सीओ सिटी, रुद्रपुर ने बताया कि आग में फंसे श्रमिक की तलाश में सोमवार शाम भी सर्च अभियान चलाया लेकिन नहीं मिला। मंगलवार सुबह देवस्वरूप के स्वजनों ने उसके लापता होने की सूचना दी। इसके बाद दोबारा कंपनी में सर्च अभियान चलाया गया। जहां उसका कंकाल मिला। डीएनए जांच की जाएगी, इसके लिए सेंपल लिया गया है। श्याम सुंदर आहूजा, जीएम, दुर्गा फाइबर ने बताया कि कंपनी में आग लग गई थी। इस दौरान मची अफरातफरी से लापता श्रमिक के संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई। सुबह उसका कंकाल मिला। मृतक श्रमिक के स्वजनों को कंपनी की ओर से 5.21 लाख और ठेकेदार की ओर से दो लाख का मुआवजा दिया जा रहा है। इसके अलावा पीएफ से उसे पेंशन भी दी जाएगी।

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