उत्तर प्रदेश
सचिन सक्सेना
10 दिसम्बर 2022
बदलने वाली है शहर की तस्वीर – बस अड्डो व रेलवे स्टेशन में मिलगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं
गाजियाबाद। शहर में अगले दो वर्षों में कई बदलाव होने जा रहे हैं. यह शहर सुविधाओं के मामले में पीछे नहीं रहेगा. शहर के तीनों बस अड्डों का कायाकल्प होने जा रहा है. इन बस अड्डों में एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी. पूरे प्रोजेक्ट में 484 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. उत्तर प्रदेश में 23 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल तहत विकसित किया जा रहा है, टेंडर निकाल दिए गए हैं. इसके साथ ही, दो वर्ष में रेलवे स्टेशन विकसित हो जाएगा और देश की पहली रैपिड रेल भी चालू हो जाएगी.
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एके सिंह के अनुसार कौशांबी, गाजियाबाद और साहिबाबाद बस अड्डों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं के लिए चिहिन्त किया गया है. यहां होटल. शॉपिंग मॉल्स, अंडर ग्राउंड पार्किंग, रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया समेत कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. बस अड्डा आनंद विहार रेलवे स्टेशन दिल्ली के करीब है. इसलिए यहां ज्यादा यात्रियों को जोड़ने के लिए आनंद विहार स्टेशन से सब-वे तैयार किया जाएगा. जिसके बाद स्टेशन से कौशांबी बस अड्डा आने के लिए यात्रियों को फुटओवर ब्रिज और सड़क पार नहीं करनी पडेगी बंधक के अनुसार गाजियाबाद में सबसे बड़ा बस अड्डा साहिबाबाद में बनेगा. साहिबाबाद बस अड्डा 17 एकड़ में फैला है. यह बस अड्डा रैपिड रेल स्टेशन से भी कनेक्ट होगा. इससे वसुंधरा, साहिबाबाद, मोहन नगर, कड़कड़ मॉडल, झंडापुर, सौर ऊर्जा मार्ग, महाराजपुर और औद्योगिक क्षेत्र के लोगों को फायदा मिलेगा. अगले दो वर्षाे में यह ट्रांसपोर्ट का बड़ा हब होगा. इसे 161 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा.
रेलवे स्टेशन पर भी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं
रेल मंत्रालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद रेलवे स्टेशन का भी अब कायाकल्प करने जा रही है. दिल्ली-एनसीआर का गाजियाबाद रेलवे स्टेशन भी अब एयरपोर्ट की तरह चमकने लगेगा. इस स्टेशन को 350 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा. यह रेलवे स्टेशन आने वाले दिनों में आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा.
रैपिड रेल होगी शुरू
अगले वर्ष मार्च में गाजियाबाद में देश की पहली रैपिड रेल शुरू हो जाएगी. साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी में ट्रेन का संचालन चालू होगा. वर्ष 2025 तक सराय कालेखां से मेरठ तक 82 किमी. में ट्रेन दौड़ने लगेगी. इस तरह अगले दो वर्ष में गाजियाबाद ट्रांसपोर्ट का हब बन जाएगा.