29 जनवरी 2020
बस कंडक्टर बना आईएएस
बैंगलोर। कहते है सपने कभी पूरे नहीं होते पर सपने सच्चे और मेहनती हो तो पूरे होने से कोई नहीं रूक सकता ऐसे ही बड़े सपने रखते हुए आईएएस मेंस क्लियर करने वाले मधु बैंगलोर में बस कंडक्टर हैं। गौरतलब है कि मधु अपने परिवार में पहले शिक्षित व्यक्ति हैं। बेंगलुरु में BMTC बस कंडक्टर मधु एनसी ने अपनी मेहनत से ऐसी चीज कर डाली जो कई लोगों के लिए मिसाल बन गई हैं। मधु ने कड़ा परिश्रम कर UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के मेंस एग्जाम को पास कर लिया हैं और अब वह इंटरव्यू देने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। UPSC द्वारा रिजल्ट घोषित होने पर जब मधु ने अपना रोल नंबर देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मधु फिलहाल बस कंडक्टर हैं और परिवार में पहली बार स्कूल जाने वाले सदस्य भी हैं। मीडिया से बात करते समय मधु ने बताया कि ष्मेरे पैरेंट्स को नहीं पता है कि मैंने कौन सी परीक्षा पास की है, लेकिन वो मेरे लिए खुश हैं। मैं अपने परिवार में शिक्षा पाने वाला पहला शख्स हूँ। 29 वर्षीय मधु ने बीते साल जून में यूपीएससी सिविल सेवा का प्रीलिम्स एग्जाम दिया था, जिसका रिजल्ट अक्टूबर माह में आया था। प्रीलिम्स पास करने के बाद मधु मेंस की तैयारी में जुट गए। मधु ने वैकल्पिक विषयों के लिए पॉलिटिकल साइन्स और इंटरनेशनल रेलेशन्स को चुना था। गौरतलब है कि मधु ने प्रीलिम्स कन्नड़ भाषा में तो मेंस की परीक्षा अंग्रेजी भाषा में दी थी। मांड्या के मालावल्ली कस्बे के निवासी मधु ने महज 19 साल की उम्र में बतौर कंडक्टर काम करना शुरू कर दिया था। उस समय मधु ने सिर्फ अपनी स्कूली पढ़ाई ही पूरी की थी। मधु ने इसके बाद डिस्टेन्स लर्निंग के जरिये स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई की। मधु राजनीति शास्त्र में परास्नातक हैं। ष्मेरे पैरेंट्स को नहीं पता है कि मैंने कौन सी परीक्षा पास की है, लेकिन वो मेरे लिए खुश हैं। मैंने अपने परिवार में शिक्षा पाने वाला पहला शख्स हूँ।ष् दिन में आठ घंटे लगातार बाद में खड़े रहकर नौकरी करते हुए मधु इस परीक्षा को पास करने के बाद कंडक्टर की नौकरी छोडना चाहते हैं। मधु अपनी बॉस सी शिखा की तरह आईएएस अफसर बनना चाहते हैं, जो फिलहाल बीएमटीसी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। मधु का कहना है कि शिखा ने उन्हे परीक्षा के पहले गाइड किया है और अब वे उन्हे इंटरव्यू के लिए तैयार कर रही हैं। इसके पहले मधु ने साल 2014 में कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के लिए परीक्षा दी थी, लेकिन उसमें मधु सफल नहीं हो सके थे। साल 2018 में पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा में भी मधु को सफलता नहीं मिल सकी थी, लेकिन अबकी बार मधु की मेहनत रंग लाई है।
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