उत्तराखण्ड
4 अक्टूबर 2021
बिजली कर्मचारियों की चेतावनी छह से होगी बिजली ठप
देहरादून। राज्य में बिजली कर्मचारियों की छह अक्तूबर को प्रस्तावित हड़ताल चेतावनी दी है। जिसकी वजह से सरकार की ओर से पावर हाउस से लेकर सब स्टेशन संभालने के लिए पुख्ता वैकल्पिक इंतजाम किए जाने का दावा किया गया है। पिछली बार एक दिन की हड़ताल से ही बिजली उत्पादन से लेकर पावर सप्लाई सिस्टम पटरी से उतर गया था। करोड़ों का बड़ा नुकसान हुआ था। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य और पेयजल पर भी असर पड़ सकता है। पॉवर ग्रिड फेल तक होने का खतरा पैदा हो गया था। केंद्र सरकार के उपक्रमों के जरिए पावर हाउस चलाने का दावा किया जा रहा है। दूसरे विभागों से कर्मचारी, इंजीनियर बुलाए जा रहे हैं। जल निगम, जल संस्थान, लोनिवि, सिंचाई विभाग से स्टाफ मंगाया जा रहा है। बावजूद इसके जानकार इन तैयारियों को बहुत अधिक पुख्ता नहीं मान रहे हैं। बिजली कर्मियों के हड़ताल के अल्टीमेटम को देखते हुए उद्योग जगत ने सरकार से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने सचिव ऊर्जा सौजन्या से बात कर पिछली बार बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने के साथ ही व्यवस्था को चौपट कर दिया जिससे लोगों के साथ ही उद्योगों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा। त्तराखंड में बिजली कर्मचारियों की छह अक्तूबर से होने वाली हड़ताल को देखते हुए सरकार ने भी सख्त तेवर अपना लिए हैं। साफ कर दिया है कि उपनल कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त होंगी। इसके साथ ही बिजली व्यवस्था संभालने को असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर की भर्ती शुरू कर दी है। एक साल के लिए इंजीनियर वॉक इन इंटरव्यू के जरिए रखे जाएंगे। तीनों निगम प्रबंधन ने उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक को एस्मा के तहत नोटिस जारी कर दिया है। प्रबंधन ने साफ किया कि मोर्चा मान्यता प्राप्त नहीं है। न ही प्रबंधन और न ही शासन से कोई मान्यता दी गई है। ऐसे में यदि पेंशनर्स की ओर से कोई भी उकसाने वाली कार्रवाई की गई। या आंदोलन में शामिल हुआ गया, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अधिशासी अभियंता और इससे ऊपर के अफसरों के हड़ताल में शामिल होने पर उनसे निपटने को लेकर प्रबंधन और सरकार इस बार सख्त मूड में है। अभी पहले चरण में निलंबन की चेतावनी दी गई है। यदि अफसर आंदोलन का नेतृत्व करते नजर आए, तो उनकी बर्खास्तगी तक की तैयारी है। प्रबंधन की ओर से एस्मा के तहत दिए गए नोटिस में यह स्पष्ट कर दिया गया है। प्रबंधन इस बार कर्मचारी संगठन का चारों से घेरने की तैयारी में लगा हुआ है।