उत्तर प्रदेश
21 अक्टूबर 2021
बैराज से छोडे पानी से रामपुर में कहर, पहली बार गांधी समधि पहुंचा पानी
रामपुर। पहाड़ों की बारिश के बाद रामनगर बैराज से छोड़े गए पानी से रामपुर में कोसी, पीलाखार, धौरी और भाखड़ा नदियां उफान पर हैं। सर्वाधिक कहर कोसी बरपा रही है। तेज बहाव के कारण रामपुर के तीन युवक कोसी में बह गए। दो को बमुश्किल बचा लिया गया, जबकि संजय (18) की डूबकर मौत हो गई। वहीं उफनाई कोसी नदी का पानी शहर में गांधी समाधि तक पहुंच गया। ऐसा पहली बार हुआ है। सबसे भीषण बाढ़ वर्ष 2010 में आई थी। मुरादाबाद के डीएम के मुताबिक जिले के 11 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें से पांच पूरी तरह आबाद हैं, जबकि शेष में खेती का रकबा ज्यादा है। उन्होंने जलस्तर घटने से कल तक हालात सुधरने की उम्मीद भी जताई है। तब मुरादाबाद-रामपुर के बीच पानी आने से दिल्ली-लखनऊ हाईवे करीब आठ दिन बंद रहा था। तब भी शहर में गांधी समाधि तक पानी नहीं पहुंचा था। दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर कोसी की बाढ़ का सर्वाधिक असर मूंढापांडे क्षेत्र में गनेशघाट के आसपास रहा। रात दो बजे के बाद से इस हिस्से में कोसी का पानी बढ़ना शुरू हुआ। देखते-देखते हाईवे तीन से चार फीट पानी में घिर गया। पानी का बहाव भी काफी तेज था। इस बीच हाईवे पार करते समय बहराइच डिपो की यात्रियों से भरी एक बस तेज बहाव की चपेट में आ गई। बस बहने लगी। बमुश्किल किसी तरह चालक ने खाई से पहले बस पर काबू पाया और बैक करके बस को सुरक्षित स्थान पर लाया। इस बीच सवारियों के बीच चीख-पुकार मची रही।
दूसरी ओर रामपुर-नैनीताल हाईवे भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। इसके चलते रामपुर का नैनीताल से सीधा संपर्क कट गया है। बाढ़ के पानी को रास्ता देने के लिए नैनीताल हाईवे पर बने डिवाइडर को प्रशासन ने तुड़वा दिया।
रामपुर जिला प्रशासन ने बताया कि जनपद के 150 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें से कई गांव का जिला मुख्यालय से भी संपर्क कट गया है। एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं। लोगों को भोजन के साथ पशु चारे की व्यवस्था भी की जा रही है।