ब्रेकिंग न्यूज - आयुष्मान में करोडों का फर्जीवाडा

ब्रेकिंग न्यूज – आयुष्मान में करोडों का फर्जीवाडा

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उत्तराखण्ड
27 फरवरी 2022
ब्रेकिंग न्यूज – आयुष्मान में करोडों का फर्जीवाडा
देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर आयुष्मान योजना के तहत करोड़ो का फर्जीवाडा सामने आया है स्टेट हेल्थ एजेंसी के चेयरमैन डीके कोटिया ने बताया कि ऑडिट में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्टेट हेल्थ एजेंसी ने अस्पताल में योजना के तहत इलाज पर रोक लगा दी है। साथ ही अस्पताल को नोटिस भेजकर पांच दिन में जबाव देने को कहा है। यूएसनगर का आयुष्मान मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल आयुष्मान योजना के साथ ही राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत कैशलेस इलाज के लिए पैनल में था। इसमें न केवल मरीजों को पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज दिया जा रहा था बल्कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को भी कैशलेस इलाज की सुविधा मिल रही थी। लेकिन पिछले काफी समय से अस्पताल की ओर से भुगतान के लिए दिए जा रहे बिलों में एकरूपता दिखाई जा रही थी।

स्टेट हेल्थ एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि स्टेट हेल्थ एजेंसी ने इन बिलों का ऑडिट कराया तो गड़बड़ी पकड़ में आ गई। उन्होंने बताया कि यूएस नगर के आयुष्मान मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने 1324 मरीजों की पैथोलॉजी जांच के जो तीन करोड़ 42 लाख से अधिक के बिल दिए हैं वह जिस डॉक्टर के नाम से दिए गए हैं वह भी अस्पताल में तैनात नहीं है। एजेंसी ने जब डॉक्टर से संपर्क किया तो डॉक्टर ने एजेंसी को दिए गए लिखित जबाव में कहा है कि उनका अस्पताल से कोई वास्ता नहीं है और उनके साइन व बिल पूरी तरह फर्जी हैं। ऐसे में इस मामले में अस्पताल की मुश्किल बढ़ सकती है। स्टेट हेल्थ एजेंसी की ओर से कराए गए ऑडिट में सामने आया कि अस्पताल की ओर से एजेंसी को भुगतान के लिए भेजे गए 1324 मरीजों के पैथोलॉजी बिल एक जैसे थे। जांच कराने पर पता चला कि सभी बिलों पर एक ही डॉक्टर के साइन थे। मरीजों का इलाज हुआ कि नहीं इस पर संदेह बढ़ने पर बिलों की बारीकी से जांच कराई तो मामला पकड़ में आया।

स्टेट हेल्थ एजेंसी के चेयरमैन डीके कोटिया ने बताया कि अस्पताल में कुल 3.42 करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। इसमें दो करोड़ की अस्पताल से वसूली व योजना के तहत मरीजों के इलाज का सवा करोड रूपये में एडजस्ट किया जा रहा है। हॉस्पिटल की ओर से भारी फर्जीवाड़ा किए जाने के बाद विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। दोनों ही योजनाओं के तहत अस्पताल में मरीजों के इलाज पर रोक लगा दी गई है। अस्पताल को नोटिस भेजकर पांच दिन में जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि उसके बाद अस्पताल के खिलाफ एफआईआर व अन्य तरह की कार्रवाई की जाएंगी।

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