उत्तराखण्ड
22 सितम्बर 2024
युवक ने लगाया फिल्म की प्रमोशन के नाम पर मुम्बई की कम्पनी पर धोखाधडी करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप
जसपुर। कुण्डा थाना के भरतपुुर गिरधई मंुशी निवासी के एक युवक ने मुम्बई की प्रमोशन करने वाली कम्पनी पर लगाया धोखाधडी, ठगी, फिल्म, चेक हडपने व व जान से मारने का आरोप लगाया। पीड़ित के वकील अरविन्द कुमार द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर मनोज सिंह राणा ने थानाध्यक्ष कुंडा को जांच कर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिये हैं।
प्रार्थी द्वारा प्रार्थना-पत्र अन्तर्गत धारा-175(3) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विपक्षी के विरूद्ध इस आशय का प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी मुम्बई में रहकर मॉडलिंग का कार्य करता था तथा प्रार्थी की अर्श प्रोडक्शन के नाम से एक कम्पनी है, जिसमें प्रार्थी व उसके पिता डायरेक्टर हैं। प्रार्थी ने एक हिन्दी फीचर फिलम शुभ विवाह का निर्माण वर्ष 2019 से 2022 के मध्य उत्तराखण्ड शासन से अनुमति लेकर उत्तराखण्ड में किया था, जिसकी उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों पर शूटिंग हुई थी।
फिल्म निर्माण के दौरान मुम्बई में एक पार्टी में प्रार्थी की मुलाकात अर्पित महेश गर्ग नाम के व्यक्ति से हुई, जिसने अपने आप को ब्रांड एक्स मीडिया नेटवर्क प्रा0 लि0 कम्पनी कार्यालय स्थित 1902 डी0 इम्पीरियल हाईलाइट्स गोरेगाव फायर ब्रिगेड के सामने गोरेगांव बेस्ट मुम्बई 400104 महाराष्ट्र का निदेशक बताया तथा कहा कि वह व उसकी कम्पनी फिल्म प्रमोशन व रिलीज का कार्य करते हैं। उसने प्रार्थी से कहा कि उसकी कम्पनी प्रार्थी की फिल्म को इन्टरनेशनल व नेशनल लेवल पर रिलीज व उसका प्रमोशन कर देगी तथा यह विश्वास भी दिलाया कि उसकी कम्पनी इस काम को काफी समय से कर रही है। प्रार्थी ने अर्पित महेश गर्ग को अपने पिता से मिलने अपने घर पर बुलाया, जिस पर अर्पित महेश गर्ग दिनांक 15.12.2022 को प्रार्थी के घर संध्ूा फार्म काशीपुर आया, जहां पर प्रार्थी व अर्पित महेश गर्ग के मध्य कम्पनी के डायरेक्टर की उपस्थिति में फिल्म की रिलीज व प्रमोशन करने के लिए कुछ शर्ते तय हुई, जिसमें अर्पित महेश गर्ग प्रार्थी की फिल्म को रिलीज व प्रमोशन इन्टरनेशनल व नेशनल लेवल पर करेगा और जिसका खर्च एक करोड 13 लाख रूपये ब्रांड एक्स मीडिया नेटवर्क प्रा0लि0 कम्पनी करेगी, जिसके बदले फिल्म से होने वाली कमाई से 18 लाख रूपये अपना मुनाफा व अपना खर्च जोड़कर प्रार्थी की फिल्म से होने वाली आय से वसूल करेगी। फिल्म के न चलने पर प्रार्थी की फिल्म से जुड़े सभी अधिकार ब्रांड एक्स मीडिया नेटवर्क प्रा0 लि0 कम्पनी के पास 20 वर्ष तक रहेंगे, जिसका वह प्रमोशन कर अपने पैसों की वसूली कर सकता है। इस दौरान अर्पित महेश गर्ग ने प्रार्थी व उसके पिता पर अपना पूरा विश्वास बना लिया तथा दिनांक 20.12.2022 को अर्पित महेश गर्ग ने अपने बैग से मु0 500 रूपये का स्टाम्प दिनांकित 24.11.2022 निकाला जिस पर मुम्बई महाराष्ट्र छपा था तथा उस पर अंग्रेजी भाषा में एग्रीमेन्ट के साथ प्रार्थी व उसके पिता का नाम लिखा था और उसके साथ 30-35 सादे कागज लगे थे और कहा कि स्टाम्प पर प्रार्थी व उसके मध्य तय हुई बाते लिखी जाएंगी, जिस पर उसने अपने हस्ताक्षर कर दिये और कहा कि प्रार्थी भी हस्ताक्षर कर दे। अर्पित महेश गर्ग की बातों पर विश्वास करते हुए प्रार्थी व उसके पिता ने इन कागजों पर साईन कर दिये। अर्पित महेश गर्ग ने कहा कि बाकी की पिं्रटिंग वह मुम्बई पहुंच कर करा लेगा तथा इसकी कॉपी प्रार्थी को भेज देगा तथा बतौर सिक्योरिटी एक ब्लैंक चौक की मांग अर्पित महेश गर्ग ने की। अर्पित महेश गर्ग के विश्वास व बहकावे में आकर प्रार्थी ने अपने बैंक यस बैंक का एक चैक सं0 076698 बतौर सिक्योरिटी अर्पित महेश गर्ग को दे दिया, जिस पर अर्पित महेश गर्ग से यह बात तय हुई कि बतौर सिक्योरिटी दिया गया है तथा चैक फिल्म के न चलने पर वापस कर दिया जाएगा, किन्तु फिल्म के प्रमोशन के अधिकार 20 वर्ष तक अर्पित महेश गर्ग की कम्पनी के रहेंगे। कुछ समय बाद फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली गयी और दिनांक 17.03.2023 को फिल्म केवल नेशनल लेवल पर ही रिलीज की गई, इन्टरनेशनल लेवल पर नहीं की गई। फिल्म रिलीज होने के एक हफ्ते बाद प्रार्थी ने अर्पित महेश गर्ग को फोन कर फिल्म को इन्टरनेशनल लेवल पर रिलीज करने बावत तथा फिल्म से हुई अब तक की आमदनी के बारे में पूछा तो उक्त अर्पित महेश गर्ग प्रार्थी से फोन पर ही लड़ने लगा तथा गाली गलौच करने लगा, धमकी देते हुए कहा कि उनकी अकल ठिकाने आ जाएगी। मुम्बई में उसके बहुत से ऑफिस हैं, अब प्रार्थी उनके चंगुल में फंस गया है। अगर कहीं उनके खिलाफ शिकायत करने की कोशिश की तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा।
वह प्रार्थी व उसके पिता को जान से मरवा देगा, उनकी लाशों का भी पती नहीं चलेगा। इससे प्रार्थी व उसके पिता काफी डर व सहम गये और उन्हें अपने साथ धोखाधड़ी व ठगी होने की जानकारी हुई तथा अपनी फिल्म बतौर सिक्योरिटी दिये गये चैक को वापस लेने हेतु कई बार सम्पर्क किया तथा अपनी फिल्म के प्रमोशन अधिकार भी वापस लेने को कहा तो अर्पित महेश गर्ग सुनवा नहीं हुआ और प्रार्थी को बार बार फोन करने पर जाने से मारने की धमकी दी। प्रार्थी ने एक शिकायती प्रार्थनापत्र दिनांक 10.08. 2024 को थानाध्यक्ष कुण्डा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उधम सिंह नगर को रजिस्ट्री डाक से प्रेषित किया, परन्तु इसके बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। आदि कथन कर थानाध्यक्ष कुण्डा को आदेशित कर प्रार्थी की रिपोर्ट दर्ज कर अन्वेषण कराये जाने की प्रार्थना की गयी। प्रार्थी ने अपने प्रार्थना पत्र के साथ स्वयं का शपथ पत्र, थानाध्यक्ष कुण्डा, जिला उधम सिंह नगर को प्रेषित प्रार्थना पत्र की फोटोप्रति, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उधम सिंह नगर को प्रेषित प्रार्थना पत्र की फोटोप्रति, डाक रसीदें, उत्तराखण्ड शासन से मिला अनुमति पत्र, उत्तराखण्ड फिल्म डवलपमेन्ट काउन्सिल पत्र दिनांकित 29.11.2020, भारतीय रेल विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांकित 29.11.2019, जी0एस0टी0 पंजीकरण प्रमाणपत्र, इनकम टैक्स रिटर्न, फिल्म शुभारम्भ के फोटोग्राफ्स तथा स्वयं के आधार कार्ड की फोटोप्रति आदि दस्तावेज प्रस्तुत किये गये।
उक्त के सम्बन्ध सम्बन्धित थाने से आख्या आहुत की गयी। सम्बन्धित थाने से प्राप्त आख्या में अन्य कथनों के अतिरिक्त मुख्यरूप से कथन किया गया है कि उक्त के सम्बन्ध में थाना हाजा पर मुकदमा पंजीकृत नहीं है। सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-175(3) के सम्बंध में यह सुस्थापित व्यवस्था है कि प्रार्थना पत्र के निस्तारण के क्रम में केवल यह अवधारित किया जाना है कि प्रार्थना पत्र के कथनों से प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध कारित किया जाना दर्शित होता है या नहीं। प्रार्थी के अधिवक्ता को सुनने एवं प्रार्थी द्वारा प्रार्थना पत्र में किये गये कथनों तथा उपलब्ध प्रपत्रों से प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध कारित किया जाना प्रतीत होता है व अन्वेषण कराया जाना आवश्यक है। अतः प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत हस्तगत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर मनोज सिंह राणा ने आदेश देते हुए कहा कि प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा.175 (3) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता स्वीकार किया जाता है। थानाध्यक्ष कुण्डा, जिला उद्यम सिंह नगर को आदेशित किया जाता है कि सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अन्वेषण स्वयं अथवा किसी सक्षम अधीनस्थ से कराया जाना सुनिश्चित करें।