उत्तराखण्ड
8 दिसम्बर 2021
राज्यभर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पांच कंटेनमेंट जोन बने
देहरादून। उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 21 नए मरीज मिले जबकि तीन मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया गया। इसके साथ ही राज्य में कुल कोविड मरीजों की संख्या तीन लाख 44 हजार 385 हो गई है। जबकि राज्य भर में 189 एक्टिव मरीज हैं। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को देहरादून में छह, चम्पावत में चार, नैनीताल में पांच, यूएस नगर और पौड़ी में दो -दो। जबकि अल्मोड़ा और हरिद्वार में एक – एक मरीज में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। राज्य में नैनीताल जिले में सर्वाधिक 65 एक्टिव मरीज हैं। राज्यभर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पांच कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं जबकि मंगलवार को 70 हजार से अधिक लोगों को कोरोना रोधी टीके की डोज लगाई गई है। इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला कॉलेज की दो छात्राओं में मंगलवार को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट आने के बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कम्प मच गया। परिसर, कक्षाओं और प्रयोगशालाओं को सेनेटाइज करवाकर महिला कॉलेज तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है। प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसडी तिवारी ने बताया कि कॉलेज में सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
डॉ. तिवारी ने बताया कि शनिवार को कॉलेज में छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों की सैंपलिंग हुई थी। मंगलवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीए और बीएससी की दो छात्राओं के संक्रमित होने की सूचना मिली। प्रभारी प्राचार्य ने बताया कि जांच के बाद ये छात्राएं कॉलेज नहीं आई थीं। लेकिन एहतियात के तौर पर कॉलेज को बंद किया गया है। इधर, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। महिला कॉलेज की छात्राएं संक्रमित मिली हैं। लेकिन अन्य स्कूल और कॉलेजों में भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है। स्कूलों की बसों में बच्चे बगैर मास्क ही सफर करते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा कई स्कूलों के गेटों पर भी आने-जाने वाले की थर्मल स्क्रीनिंग और सेनेटाइजर मशीन नहीं लगाई गई है।
एमबीपीजी में नहीं हो रही स्क्रीनिंग
एमबीपीजी कॉलेज के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। साथ ही कॉलेज गेट पर लगी थर्मल स्क्रीनिंग मशीन का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों में हो रही लापरवाही से संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, एमबीपीजी कॉलेज प्रशासन के लिए राहत की बात है कि बीते दिनों हुई सैंपलिंग में वहां कोई संक्रमित नहीं मिला।