वर्ग-4 की भूमि से बनी वर्ग -1(ख) की भूमि के मालिकाना हक के लिए किसान विकास क्लब ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा

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उत्तराखण्ड
1 मार्च 2024
वर्ग-4 की भूमि से बनी वर्ग -1(ख) की भूमि के मालिकाना हक के लिए किसान विकास क्लब ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा
रूद्रपुर। किसान विकास क्लब (उत्तराखंड) के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी उधम सिंह नगर को सौंपा।
जिसमे उन्होंने कहा वर्ष 1983 अथवा इससे पूर्व वर्ग -4 की भूमि के कब्जेदारों ( जिसकी भूमि वर्ग -1(ख) के पट्टों में परिवर्तित हो गई थी) को शीघ्र ही मालिकाना हक दिया जाय। उन्होंने बताया की 27 जुलाई 2016 को सरकार द्वारा एक ऐसा शासनादेश आया था कि वर्ग – 1(ख) की भूमि के अधीन दी गई भूमि को मालिकाना हक, यानी कि वर्ग – (क) संक्रमणीय भूमि में दर्ज किया जाए। किंतु उसकी शर्त यह लगाई गई थी कि उन पट्टों को दिनांक 1 जून 2016 से 30 वर्ष या इससे पूर्व दिया गया हो। जबकि सरकार के द्वारा ही जारी अध्यादेश दिनांक 18 जुलाई 2016 को वर्ग- 4 की भूमि के कब्जेदारों एवं पट्टे दा रों की भूमि पर सीधे ही अधिकार देने हेतु जारी किया गया था। इस अध्यादेश में दिनांक 30 जून1983 अथवा इससे पूर्व जो व्यक्ति उक्त भूमि पर काबिज थे उसी व्यक्ति को वर्ग – 1(क) अथवा संक्रमणीय भूमिधरी अधिकार दिए जाएंगे। यहां हम आपको अवगत करना चाहते हैं कि सरकार द्वारा वर्ष 1983 या इससे पूर्व वर्ग – 4 के कब्जदारों को ही वर्ग – 1(ख) के पट्टे दिए गए थे। इसलिए ऐसे पट्टेदारों पर मालिकाना हक मिलने को 30 वर्ष पूर्व की बाध्यता लगाना न्याय संगत नहीं है। अतः हम सरकार से विनम्र निवेदन करते हैं कि ऐसी वर्ग- 4 की भूमि जिस पर किसानों का कब्जा वर्ष 1983 या इससे पूर्व का है, जो कि आज मौजूद फसली में वर्ग – 1(ख) की भूमि में दर्ज है उसको शीघ्र ही भूमिधरी के अधिकार दिए जाएं।

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