प्रदेश में जुलाई महीने में महंगा आएगा बिजली का बिल

विद्युत कंपनियों की ओर से टैरिफ में 38.66 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव

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उत्तराखण्ड
22 फरवरी 2024
विद्युत कंपनियों की ओर से टैरिफ में 38.66 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव
रूद्रपुर। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में विद्युत कंपनियों की ओर से साल 2024-25 के टैरिफ में 38.66 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया और उद्योगपतियों ने एक स्वर में इसका विरोध किया। कार्यक्रम में यूपीसीएल और यूजेवीएनएल के एमडी के नहीं पहुंचने पर कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला ने कड़ी नाराजगी जताई और दोनों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लेने के आदेश दिए। विकास भवन के सभागार में नियामक आयोग की ओर से जनसुनवाई की गई। आयोग के समक्ष यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल व एसएलडीसी की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला, तकनीक सदस्य एमएल प्रसाद ने आम उपभोक्ताओं के सुझाव लिए। उद्योगपतियों ने कहा कि झारखंड, हरियाणा, गुजरात और हिमाचल में उत्तराखंड से सस्ती बिजली दी जा रही है। यहां हर साल बिजली की दरें बढ़ रही हैं। अघोषित बिजली कटौती, ब्रेकडाउन व ट्रिपिंग की समस्या से भी उद्योगों को भारी क्षति उठानी पड़ रही है। महीने में 27 से 28 फीसदी बिजली कटौती हो रही है। राज्य में 3.50 लाख करोड़ का निवेश होने जा रहा है। ऐसे में यहां आने वाले उद्योग महंगी बिजली दरों पर कैसे आएंगे।

किसानों ने खेतों से गुजरने वाली विद्युत लाइनों को सड़कों के किनारे शिफ्टिंग करने की मांग की। कहा कि ट्रांसफार्मर में खराबी पर उसे ठीक न कर सीधे बदल दिया जाता है। यूपीसीएल के अधीक्षण अभियंता शेखर चंद्र त्रिपाठी ने कंपनी की ओर से खरीदी जा रही बिजली दरें रखीं। ट्रांसफार्मर बदलने के मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया। वहां केजीसीसीआई के अध्यक्ष अशोक बंसल, रामकुमार अग्रवाल, संजय अग्रवाल, विक्की सचदेवा, देवेश पंत, टीका सिंह सैनी, मुकेश त्यागी, राहुल जैन आदि मौजूद रहे।

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