शासन से आदेश के बाद कोचिंग सेन्टरों पर छापा मार अभियान जारी कई सील

शासन से आदेश के बाद कोचिंग सेन्टरों पर छापा मार अभियान जारी कई सील

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उत्तराखण्ड
2 जुलाई 2024
शासन से आदेश के बाद कोचिंग सेन्टरों पर छापा मार अभियान जारी कई सील
हल्द्वानी। शासन से आदेश आने के बाद स्थानीय प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और जिला विकास प्राधिकरण की टीम ने हल्द्वानी में कोचिंग संस्थानों की जांच के लिए अभियान चलाया। अभियान में बेसमेंट में संचालित छह कोचिंग संस्थानों को प्रशासन ने सील कर दिया। छापे के दौरान कोचिंग सेंटर में भारी अनियमितताएं भी पाई गईं। हैरत की बात यह है कि जिन कमरों में 20 बच्चों को बैठाने की क्षमता है उनमें 50 बच्चे तक बैठे मिले। टीम ने 10 कोचिंग सेंटर संचालकों को नोटिस भी दिया है।

नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी, एसपी सिटी प्रकाश चंद्र के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने शहर के कोचिंग सेंटरों पर छापा मारा। छापे के डर से कई संस्थान के संचालक अपने-अपने कोचिंग सेंटर बंद कर भाग गए। छापे के दौरान टीम ने पाया कि कई कोचिंग संस्थानों में मानकों से कई अधिक बच्चे बैठाए जा रहे हैं। 20 बच्चों के बैठने लायक कमरों में 50-50 तक बच्चे बैठाकर पढ़ाए जाते मिले। बेसमेंट में आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते नहीं हैं। पर्याप्त हवा आने के लिए खिड़कियां, रोशनदान तक नहीं है। आग लगने या पानी भरने पर बच्चों के निकलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि अभियान जारी रहेगा। कहा कि सील किए गए सभी संस्थान बेसमेंट में चल रहे थे।

10 कोचिंग सेंटरों का काटा चालान
पुलिस ने अभियान के दौरान 10 कोचिंग संस्थानों का पुलिस एक्ट पर चालान किया है। कोतवाल उमेश मलिक ने बताया कि इन कोचिंग संस्थानों के पास फायर उपकरण नहीं थे। इसके अलावा अन्य खामियां भी पाई गईं।

नगर निगम ने जब्त किए अवैध होर्डिंग
अभियान के दौरान नगर निगम ने कोचिंग सेंटर के अवैध होर्डिंग्स को भी जब्त किया है। नगर आयुक्त ने बताया कि होर्डिंग्स लगाने के लिए परमिशन की जरूरत होती है लेकिन इनके पास परमिशन नहीं थी।

ये खामियां मिलीं

  • कमरों में थी सीलन।
  • क्षमता से अधिक बच्चे बैठाए जा रहे थे।
  • फायर उपकरण नहीं थे।
  • कक्षाएं हवादार नहीं थीं।
  • कोचिंग सेंटर में आने-जाने का रास्ता था संकरा।
  • आग लगने या पानी भरने पर निकलने का नहीं था रास्ता, नियमानुसार आने-जाने के लिए दो रास्ते होने चाहिए।
  • कई कोचिंग संस्थान मालिक छापे की डर से बंद करके भाग गए

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