उत्तराखण्ड
13 अक्टूबर 2023
समस्याओं का से जूझता काशीपुर
काशीपुर। उत्तराखण्ड का विख्यात शहर काशीपुर आज समस्याओं से जूझ रहा है यहां न यातायात व्यवस्था दुरूस्त है और न ही चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। बेहतर उपचार के लिए भी यहां से बाहर जाना पड़ता है। बाहर जाने के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हैं। प्रातः 5 बजे दिल्ली व देहरादून के लिए नियमित रूप से सीधी ट्रेन चलाने की मांग वषों से की जा रही है लेकिन वह आज तक पूरी नहीं हुई। उल्टे पहले से चलने वाली कई ट्रेनों को स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं पांच वर्ष से भी अधिक समय से आरओबी का निर्माण हो रहा है। लोग बस पकड़ने के लिए जगह-जगह धक्के खा रहे हैं। पता ही नहीं होता कि दिल्ली व देहरादून के लिए बस कहां से मिलेगी। ई-रिक्शा वाले बाहर से आए लोगों को मूर्ख बनाकर महाराणा प्रताप चौक से रोडवेज बस स्टैण्ड तक के मानमाना किराया वसूल करते हैं। अब रोडवेज बस अड्डे को सूत मिल के पास शिफ्ट करने की बात सामने आ रही हैै। यदि ऐसा होता है तब भी शहरी लोगों के लिए बस पकड़ने की समस्या जस की तस बनी रहेगी। रामनगर से दिल्ली व अन्य स्थानों पर जाने वाली बसें कई किलोमीटर चलकर अंदर नहीं जायेंगी। वह महाराणा प्रताप चौक से सीधी निकल जायेंगी। इसलिए रोडवेज बस अड्डे का निर्माण टांडा तिराहा या केवीआर के आसपास होना चाहिए। केवीआर के पास बस अड्डे का निर्माण होने से सभी जगह की बसें आसानी से उलब्ध हो सकेंगी, क्योंकि वह फोर लेन हाईवे के निकट होगा। यहां से दिल्ली व देहरादून दोनांे मार्गों की बसें मिल सकंेगी और उन्हें बस अड्डे पर जाने के लिए लम्बा चक्कर भी नहीं लगाना होगा। चिकित्सीय सुविधाओं की बात करे तो उनका भी यहां बुरा हाल है। कोई भी बड़ी बीमारी या गंभीर दुर्घटना होने पर बाहर ही रैफर करना पड़ता है। क्योंकि यहां पर कोई भी बड़ा हॉस्पिटल नहीं है, जबकि काशीपुर उत्तराखण्ड के महानगरों में से एक है। यहां पर एम्स जैसे एक बड़े हॉस्पिटल की नितांत आवश्यता है। जलभराव भी यहां की प्रमुख समस्याओं में से एक है, जिसमें हर वर्ष भारी जल भराब से व्यापारियांे व आमजन का लाखों रूपये का नुकसान होता है, लेकिन आज तक उसका भी कोई समाधान नहीं हो सका है। उत्तराखण्ड के लिए एम्स का सेटेलाइट केन्द्र मंजूर होने पर यहां के लोगों को पूरी उम्मीद थी कि इसकी स्थापना यहीं होगी, क्योंकि यहां से रामनगर होते हुए पहाड़ का पूरा क्षेत्र जुड़ता है और हल्द्वानी व रूद्रपुर में पहले से ही मेडिकल कालेज बने हुए हैं। परन्तु काशीपुर के लोगों को निराशा ही हाथ लग रही है।
