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सरकार का सीधे सैलरी देने पर विचार

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नई दिल्ली
31 मार्च 2020
सरकार का सीधे सैलरी देने पर विचार
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन किया हुआ है। लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित इन्फॉर्मल सेक्टर के कामगार हो रहे हैं। उनके पास खाने तक के पैसे नहीं है। अब सरकार इन्हें सीधे सैलरी देने पर विचार कर रही है. सीएनबीसी-आवाज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इंडस्ट्री को मिलने वाले पैकेज में ये एक अहम हिस्सा रहने वाला है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक बेरोजगारों को सरकार सैलरी दे सकती है. इन्फॉर्मल सेक्टर के बेरोजगार कामगारों को सैलरी देने पर विचार किया जा रहा है। इनको सीधे सैलरी देने के अलग-अलग विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन से बेरोजगार हुए इन्फॉर्मल सेक्टर कामगारों को सैलेरी का 50 फीसदी हिस्सा देने का विकल्प अपनाया जा सकता है। इनको एकमुश्त न्यूनतम रकम देने का भी विकल्प है। सूत्रों के मुताबिक एकमुश्त न्यूनतम रकम देने की योजना को तहत इन्फॉर्मल सेक्टर के कामगारों को कम से कम 5000 रुपये दिये जा सकते हैं। तीसरे विकल्प के तहत सब्सिडी के तौर पर भी सैलरी दी जा सकती है या फिर सैलरी का एक हिस्सा इंटरेस्ट फ्री लोन के तौर पर संभव है। ये लोन कंपनियों को दिया जा सकता है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक च्डव् में इस मुद्दे पर नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के बीच बैठक हुई है। इंडस्ट्री राहत पैकेज का ऐलान इसी हफ्ते हो सकता है। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन लगा रखा है। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था कि देश से वह कुछ हफ्ते मांग रहे हैं ताकि इस गंभीर बीमारी से लड़ा जा सके. अगर लोगों की भीड़ रहेगी तो कम्युनिटी संक्रमण फैलने का खतरा है. इसलिए 21 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है।




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