उत्तराखण्ड
8 जुलाई 2020
नगर के बीचोबीच बाजार की भूमि पर लटकी तलवार
काशीपुर। उच्च न्यायालय नैनीताल में 2018 में मौहल्ला थाना साबिक निवासी जावेद अख्तर एडवोकेट ने एक रिट याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि उपरोक्त भूमि कब्रिस्तान और तकिया में राजस्व अभिलेखों में दर्ज थी। उनके अनुसार वर्ष 1960-61 तक यह भूमि राजस्व अभिलेख में कब्रिस्तान के नाम से थी। बंदोबस्ती के बाद इस भूमि को राजस्व अभिलेखों में निजी व्यक्तियों व संस्थाओं के नाम दर्ज दिखा दिया गया। उच्च न्यायालय के आदेश पर राजस्व विभाग ने आज काशीपुर के बीचोंबीच स्थित पोस्ट आफिस मार्केट से रतन सिनेमा रोड होते हुए गोविंद बल्लभ पंत कालेज मार्केट से मुख्य बाजार नगर निगम के सामने स्थित भूमि की पैमाइश का काम शुरू कर दिया। इस याचिका पर तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा तथा न्यायमूर्ति मनोज तिवारी ने राजस्व विभाग को निर्देश दिया कि उक्त भूमि किन वजहों से कब्रिस्तान के बजाय गलत तरीके से निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दी गई। इसकी जांच कर न्यायालय को अवगत कराया जाये। 23 अक्टूबर 2018 को दिये आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा कि राजस्व अभिलेखों को ठीक कर इस भूमि पर अवैध अतिक्रमण करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाय। दरअसल 1960-61 में ग्राम महेशपुरा के खसरा नंबर 363 में. 019एकड़ तथा खसरा नंबर 597 के 3.77 एकड़ भूमि तकिया तथा कब्रिस्तान के नाम दर्ज थी। बंदोबस्ती के बाद यहाँ भूमि के नंबर बदल दिये गये। कलेक्ट्रेट प्रभारी मामले में कब्जेदारान का वाद दायर करने के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता अंबरीश अग्रवाल को पत्रावली भेजी गई पत्रावली के मुताबिक यह पूछा गया कि यहाँ कौन व्यक्ति रहते हैं तथा किस सरकारी व निजी संस्था या कब्रिस्तान की कौन सी संस्था है इसकी सम्पूर्ण जानकारी दी जाये।
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