16 अक्टूबर 2020
नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना
पंडित दीपक शर्मा
नवरात्रि का प्रारंभ 17 अक्टूबर दिन शनिवार से हो रहे है इस दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की पूजा विधि विधान से शुरू हो जाएगी। नवरात्रि में नव दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। नवरात्रि के पहले दिन को घट स्थापना या प्रथमा के नाम से जाना जाता है। यह वह दिन है जब लोग देवी शैलपुत्री की पूजा करते हैं। अलग-अलग नामों वाली देवियां माता दुर्गा की अवतार मानी जाती हैं। आज हम आपको बताएंगे कि देवी दुर्गा का नाम दुर्गा कैसे पड़ा।
शिवपुराण के अनुसार यह है पौराणिक कहानी
शिवपुराण में बताया गया है कि एकाक्षर ब्रह्म, परम अक्षर ब्रह्म भगवान सदाशिव ने अपने विग्रह यानी शरीर से शक्ति का सृजन किया। उस भगवान सदाशिव की पराशक्ति को शक्ति अंबिका कहा गया है, जो गुणवती माया, बुद्धि की जननी, विकाररहित तथा प्रधान प्रकृति हैं। शक्ति अंबिका की आठ भुजाएं हैं, वह अनेक अस्त्रों से युक्त हैं। वह भगवान सदाशिव की पत्नी हैं। सदाशिव उनके बिना अधूरे हैं। असुर हिरण्याक्ष के वंश में एक शक्तिशाली दैत्य ने जन्म लिया था, जिसका नाम दुर्गमासुर था। वह बड़ा ही बलशाली था। उसके अत्याचार से सब भयभीत थे। देवता भी डरने लगे थे। एक दिन उसने स्वर्ग पर ही आक्रमण कर दिया। देवताओं के राजा इंद्र समेत सभी देव स्वर्ग छोड़कर भाग गए। उसके समक्ष उनकी शक्तियां किसी काम की न थीं।

स्वर्ग पर अब दुर्गमासुर का अधिकार हो गया था। सभी देवताओं ने अपनी जान बचाने के लिए गुफाओं में शरण ले ली थी। वे दुर्गमासुर को स्वर्ग से कैसे भगाएं और उसे परास्त कैसे किया जाए, यह विकट समस्या थी। तब देवताओं ने आदिशक्ति अंबिका की आराधना करने का निर्णय लिया। सभी देवता मां अंबिका की आराधना करने लगे। उनके तप से प्रसन्न होकर मां अंबिका ने देवताओं को दुर्गमासुर से निर्भय होने का आशीष दिया।
इस घटना के बारे में दुर्गमासुर को भी जानकारी हो गई। गुप्तचरों ने बताया कि मां अंबिका ने देवताओं को निर्भय होने का वरदान दिया है। इससे दुर्गमासुर क्रोधित हो गया और अपने बल के अहंकार में चूर होकर आदिशक्ति को चुनौती देने चल पड़ा। वह अपने सभी अस्त्र-शस्त्र और दैत्य सेना के साथ मां अंबिका को युद्ध के लिए ललकारा। तब मां अंबिका प्रकट हुईं, फिर उन्होंने दैत्य सेना को तहस-नहस कर दिया। दुर्गमासुर और मां अंबिका में भीषण युद्ध हुआ। इसके पश्चात मां अंबिका ने दुर्गमासुर का वध कर दिया। दुर्गमासुर के वध के कारण ही आदिशक्ति अंबिका मां दुर्गा के नाम से लोकप्रिय हो गईं। तब से उनका एक नाम देवी दुर्गा भी हो गया।
अन्य ख़बरों की जानकारी के लिए हमें फेसबुक पर ज्वाइन करें और ट्विटर पर फॉलो करें
कमेंट में बताएं और न्यूज शेयर करें
Suryavansham Times प्रदेश में ही नही देश में भी प्रतिष्ठित होती मीडियापोर्टल की हिंदी वेबसाइट है। www.suryavanshamtimes.com में हमें आपकी राय और सुझावों की जरुरत हैं।
आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमें suryavanshamtimes@gmail.com पर भेज सकते हैं या हमारे व्हाटसप नंबर 7037821378 पर भी संपर्क कर सकते हैं
Suryavansham Times पिछले 11 महीने में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ,उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली,हरियाणा, हिमाचल, बिहार आदि प्रदेशो में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल बन कर सामने आया है आपके इस प्यार के लिए हमारा सम्पादक मण्डल आभारी है।