उत्तराखण्ड
16 नवम्बर 2020
महापर्व छठ – खुशियों पर ग्रहण लगने के आसार
काशीपुर। सूर्य उपासना का महापर्व छठ की तैयारी शुरू हो गई है। छठ को लेकर लोगों में उत्साह है, लेकिन कोरोना की वजह से त्योहार की खुशियों पर ग्रहण लगने के आसार है। सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में 200 लोगों के ही शामिल होने की अनुमति है। ऐसे में आयोजन दुविधा में हैं। छठ पूजा सेवा समिति से जुड़े पदाधिकारी बताते हैं कि प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिलने पर 34 साल में पहली बार छठ पूजा घाट पर नहीं बल्कि घरों में मनाई जाएगी। मूलरूप से बिहार व पूर्वांचल में मनाया जाने वाला छठ समय के साथ देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंच गया। हल्द्वानी में छठ पूजा की सामूहिक परंपरा 1988 में शुरू हुई मानी जाती है। शुरुआत में गिने-चुने परिवारों से शुरू हुई परंपरा करीब एक हजार परिवारों तक पहुंच गई है।
छठ पूजा समिति के महामंत्री ने बताया कि शुरुआत में पूजा स्थल पर किसी तरह की सुविधा नहीं थी। रामपुर रोड के बराबर से बहने वाली नहर के ऊपर बांस के डंडे डालकर पूजा स्थल तक जाने के लिए जगह बनाई गई। पत्थरों को एकत्र कर पूजा के लिए वेदी तैयार की गई। समय के साथ छठ पर्व मनाने वालों की संख्या बढ़ती चली गई। निर्माण कार्य, ठेकेदारी, सरकारी व निजी सेक्टर में कार्यरत कई पूर्वांचली लोग यहीं बस गए। छठ पूजा के लिए अब नहर किनारे लगभग 20 वेदियां बनी हैं। पूर्वांचल के लोगों ने बतया कि हम लोग पिछले 22 वर्षों से यहां पर पूजा कर रहे हैं। आयोजन में दो हजार से अधिक लोग जुटते हैं। परन्तु ऐसे में पूजा घरों में रहकर ही की जाएगी और घाट की सजावट कर रोशनी से सजाया जाएगा।
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