उत्तराखण्ड
13 अगस्त 2021
पर्वतीय जनपदों में अदालत अब वादकारियों के घर तक पहुंचेगी
नैनीताल। प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में अदालत अब वादकारियों के घर तक पहुंचेगी। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त से इस मुहिम का विधिवत शुभारंभ नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान करेंगे। बकायदा इसकी जानकारी हाईकोर्ट मुख्यालय से दो दिन पूर्व 13 अगस्त को प्रेस ब्रीफिंग के माध्यम से भी दी जाएगी। गौरतलब है कि उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए मुकदमों के जल्दी निपटारे के लिए शुरू होने वाली ‘मोबाइल ई-कोर्ट’ पर्वतीय क्षेत्र के पांच जिलों में शुरू की जा रही है। उत्तराखंड के लिहाज से बात करें तो पर्वतीय जिलों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से वादकारियों को न्याय मिलने में देरी हो जाती है। वादकारियों व गवाहों के अदालत में पहुंचने में आने वाली व्यावहारिक बाधाओं व कठिनाइयों की वजह से भी न्याय मिलने में वर्षों लग जाते हैं। इसी को लेकर त्वरित न्याय के सिद्धांत को हकीकत में बदलने के लिए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान की पहल पर राज्य के दुरुस्त पांच पर्वतीय जिलों में पांच मोबाइल ई-कोर्ट का संचालन शुरू किया जाएगा। हाई कोर्ट के सूत्रों के अनुसार यह मोबाइल ई-कोर्ट वैन पूरी तरह सुविधाओं से लैस होगी। इसमें कोर्ट रूम से लेकर प्रिंटर, कंप्यूटर समेत इंटरनेट व अन्य जरूरी उपकरण होंगे। इस कोर्ट में संभव होने पर मौके पर ही वाद का निस्तारण किया जाएगा। इन मोबाइल-ई कोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की होगी। जिला जज ही तय करेंगे कि मोबाइल वैन को दूरदराज के किन क्षेत्रों या किन मामलों के निस्तारण के लिए भेजा जाए। इस मामले में हाई कोर्ट के पीआरओ महेंद्र सिंह जलाल ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त की सुबह हाई कोर्ट परिसर में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान अधीनस्थ अदालतों के लिए इन मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। उत्तराखण्ड राज्य में ई-कोर्ट की विशेषताओं व कामकाज के तरीके की जानकारी देने के लिए हाई कोर्ट की ओर से 13अगस्त को प्रेस ब्रीफिंग भी की जाएगी।