उत्तर प्रदेश
13 सितम्बर 2021
निगम ने व्यवसाय के लिये कॉमर्शियल लाइसेंस अनिवार्य किया
गाजियाबाद। नगर निगम ने कॉमर्शियल लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। साथ ही शहर में कारोबार करने वालों के लिए लाइसेंस शुल्क तय कर दिया है। इसके बाद शहरी क्षेत्र में वही लोग व्यवसाय कर सकेंगे, जिसने लाइसेंस शुल्क जमा करा दिया है। कॉमर्शियल लाइसेंस नहीं लेने वालों पर सख्ती होगी। निगम की तरफ से पांच सितारा होटल, अस्पताल से लेकर रिक्शा तक का वार्षिक शुल्क तय कर दिया गया है। शहरी क्षेत्र में व्यवसाय करने वालों के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस अनिवार्य है। यह लाइसेंस निगम से जारी होता है। शासन के आदेश पर भी ज्यादतार लोग लाइसेंस नहीं बना रहे हैं। ऐसे लोगों पर अब सख्ती की जाएगी। इस बावत नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने पांचों जोन के जोनल प्रभारियों को आदेश दिया है। नगर आयुक्त ने बताया कि सभी के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस अनिवार्य है। जोन दफ्तर से कॉमर्शियल लाइसेंस एक साल के लिए बनवाया जा सकता है।
यह दरें निर्धारत – नगर आयुक्त ने होटल, गेस्ट हाउस, बारातघर के लिए एक हजार रुपये का शुल्क निर्धारित किया है।
होटल का नौ हजार में बनाया जाएगा।
20 बेड का नर्सिंग होम दो हजार और 20 बेड से ऊपर वाले नर्सिंग होम का लाइसेंस पांच हजार में बनेगा
निजी क्लीनिक का पांच हजार, पौथेलॉजी सेंटर का एक हजार
एक्सरे क्लीनिक का दो हजार, डेंटर क्लीनिक का चार हजार
फाइनेंस कंपनी का छह हजार, इन्श्योरेंस कंपनी (प्रत्येक शाखा) का 12 हजार,
पशु वधशाला का एक हजार, बार एवं बियर दुकान का छह हजार,
आइस फैक्ट्री का एक हजार,
बिल्डर्स का पांच हजार,
देसी शराब की दुकान का 600 रुपये,
विदेशी शराब की दुकान का 12 हजार,
भैंसा मास की दुकान का तीन हजार रुपये में लाइसेंस बनाया जाएगा।
दो सीटर ऑटो रिक्शा का लाइसेंस 360 रुपये,
सात सीटर ऑटो रिक्शा का 720 रुपये,
चार सीटर का 500 रुपये,
मिनी बस का 1500 रुपये
बस का 2500 रुपये,
तांगे का 50 रुपये,
रिक्शा का 150 रुपये,
ठेली का 100 रुपये,
बैलगाड़ी का 25 रुपये
ट्रॉली का 150 रुपये में लाइसेंस बनेगा।