उत्तर प्रदेश
13 जून 2022
ठाकुरजी अस्वस्थ होने के कारण 15 दिन के लिए एकांत विश्राम पर
वृन्दावन। सहस्त्रधारा स्नान महोत्सव अंतर्गत मंगलवार शाम 4.30 बजे भगवान जगन्नाथ का वेदमंत्रोच्चारण एवं घंटे घड़ियाल की गूंज के मध्य जलाभिषेक किया जाएगा। अधिक देर तक स्नान के कारण अस्वस्थ हो जाने पर ठाकुरजी 15 दिन के लिए एकांत विश्राम में चले जाएंगे। इसके बाद भगवान जगन्नाथ 30 जून शाम को दर्शन देंगे। साथ ही एक जुलाई रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण को निकलेंगे। हिन्दू मान्यतानुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ का जल, विभिन्न फलों के रस आदि से महाभिषेक किया जाता है, जिसमें अधिक स्नान के कारण बीमार पड़ जाने पर भगवान जगन्नाथ एकांत विश्राम में चले जाते हैं। जहां करीब 15 दिन आयुर्वेद पद्धति के अनुसार ठाकुरजी का उपचार किया जाता है। उपचार के पश्चात आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को रथयात्रा के रूप में नगर भ्रमण कर भक्तों को दर्शन देते हैं। परिक्रमा मार्ग में जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए रथयात्रा महोत्सव अंतर्गत सहस्त्रधारा स्नान महोत्सव की तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं।
गुरुवार को मंदिर परिसर में पूर्ण विधिविधान से वैदिक मंत्रोच्चारण एलं घंटा घड़ियाल की गूंज के मध्य ठाकुरजी का 14 जून शाम 4.30 बजे से महाभिषेक किया जाएगा। महंत स्वामी ज्ञानप्रकाश महाराज ने बताया कि सहस्त्रधारा स्नान (महाभिषेक) में ज्यादा भीग जाने के कारण ठाकुरजी बीमार हो जाने से एकांत वास में चले जाते हैं। जहां उनका विभिन्न जड़ी-बूटियों से उपचार किया जाएगा। लगभग 15 दिनों के पश्चात ठाकुरजी के स्वस्थ हो जाने पर भक्तों को उनके दर्शनों का लाभ मिल सकेगा। एक जुलाई को रथयात्रा पर्व मनाया जाएगा। जिसमें भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा एवं बलभद्र रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण करेंगे।