उत्तराखण्ड
7 जुलाई 2023
गौला नदी पुल के पिलर के पास नदी ने किया कटान बढ़ा खतरा
हल्द्वानी। गौला नदी लगातार गौला पुल को नुकसान पहुंचा रही है। पुल के पिलर के पास नदी ने बहुत अधिक कटान कर दिया है। इससे चिंतित एनएचएआई पुल का दोबारा सर्वे कराने जा रहा है। साथ ही पुल की एप्रोच रोड को बचाने के लिए सुरक्षात्मक काम भी किए जाएंगे। गौला नदी में अक्तूबर-2021 में बाढ़ आई थी। इससे गौला बाइपास रोड पर बने पुल की एप्रोच रोड बह गई थी। नदी के तेज बहाव ने पुल के पिलर को भी भारी नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद एनएचएआई ने आईआईटी रुड़की से सर्वे कराया था। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई थी कि पुल को खतरा तो नहीं है, सुरक्षा के क्या उपाय हो सकते हैं। शहर की तरफ कटान कर रही गौला का रुख कैसे मोड़ा जा सकता है।
आईआईटी रुड़की ने जो रिपोर्ट सौंपी वह चौकाने वाली है। इसमें गौला नदी खनन कार्य के लिए पूर्ण बंद करने की सिफारिश की गई। खनन बंद नहीं होने पर पुल को खतरा बताया गया। कहा कि खनन बंद नहीं होने पर पुल गिर सकता है। इस रिपोर्ट को एनएचएआई ने डीएम को भेजा था। डीएम ने शासन को रिपोर्ट भेज दी थी। शासन ने खनन बंद करने से मना कर दिया था। इसके बाद एनएचएआई ने आईआईटी से पुल बचाने के प्लान बनवाया। लोनिवि ने आईआईटी की ओर से बनाए गए डिजायन को बनाने में होने वाला खर्च 22 करोड़ रुपया बताया था। ये रिपोर्ट एनएचएआई ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजकर बजट मांगा।
परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस काम को लोनिवि से कराने से मना कर दिया। उसने इस काम को सड़क बना रही कंपनी से कराने के निर्देश दिए।
अब एनएचएआई इस पुल का दोबारा सर्वे कराने जा रहा है। एनएचएआई की प्रोजेक्ट इंजीनियर मीनू ने बताया कि गौला पुल को खतरा है। इसे कैसे बचाया जा सकता है, पिलर को सुरक्षित कर पुल बच सकता है या नया पुल बनाना पड़ेगा। इन सभी का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के बाद इसकी डीपीआर बनाकर मंत्रालय से बजट मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी जल्द ही एप्रोच रोड दोबारा न बहे, इसकी सुरक्षा के इंतजाम करेगी।