आखिर चुनाव में महिला मतदाताओं का उत्साह कम क्यो?

आखिर चुनाव में महिला मतदाताओं का उत्साह कम क्यो?

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उत्तराखण्ड
10 मार्च 2024
आखिर चुनाव में महिला मतदाताओं का उत्साह कम क्यो?
देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों के दौरान महिला मतदाताओं ने पुरुषों के मुकाबले अपने मताधिकार का प्रयेाग करने में कम उत्साह दिखाया है। प्रदेश गठन के बाद हुए चार लोकसभा चुनावों में कभी भी महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत अपनी आबादी के सापेक्ष 50 फीसदी से ज्यादा नहीं रहा।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में महिला वोटरों का मतदान प्रतिशत सर्वाधिक (49.18) दर्ज किया गया था। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड की जनसंख्या एक करोड़ 86 हजार 292 है। इनमें 51 लाख 37 हजार 773 पुरुष और 49 लाख 48 हजार 519 महिलाएं शामिल हैं।

लेकिन जब बारी आती है चुनाव में मतदान की तो महिलाओं और पुरुषों के बीच काफी अंतर नजर आता है। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में 43.97, वर्ष 2009 में 45.90, वर्ष 2014 में 48.07 प्रतिशत महिला मतदाता वोट डालने पहुंचीं। वर्ष 2014 में महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत 49.18 प्रतिशत रहा।

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश कभी भी 50 या इससे अधिक महिला वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। ऐसे में शत-प्रतिशत मतदान का नारा लेकर छेड़े जाने वाले सरकारी अभियानों की सफलता पर प्रश्न चिह्न भी खड़ा हो जाता है।

चुनावों के मतदान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला दिवस के अवसर पर पूरे उत्तराखंड में जागरूकता अभियान चलाए गए। इसमें महिला मंगल दलों को मतदान को लेकर शपथ दिलाई गई। महिला वोटरों के रजिस्ट्रेशन के भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ.बीवीआरसी पुरुषोत्तममुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखंड

मतदान की कहानी-आंकड़ों की जुबानी

चुनाव कुल वोटर महिला वोटर पुरुष वोटर

2004 55,62,637 11,97,917 14,70,496

2009 58,87,724 14,41,326 16,98,719

2014 70,41,765 21,13,064 22,82,497

2019 78,56,268 23,90,956 24,70,456

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