उत्तर प्रदेश
12 जून 2020
अब जन्म प्रमाण बनवाने के लिए पुलिस जांच जरूरी
गाजियाबाद। अब पांच साल के बाद आवेदन करने वालों के लिए पुलिस जांच अनिवार्य कर दी गई है। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को नगर निगम और पुलिस थानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। क्योकि पुलिस द्वारा जांच रिपोर्ट देने में पुलिस की आनाकानी करने से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। आठ से दस लोग रोज नगर निगम पहुंचकर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की गुहार लगा रहे हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश कुमार ने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का नियम सख्त कर दिए हैं। अस्पताल में जन्म लेने की सूचना ऑनलाइन निगम को भेजे जाने पर आसानी से जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है, लेकिन यदि किसी वजह से अस्पताल ने सूचना नहीं दी तो फिर जन्म प्रमाण पत्र बनवाना कठिन होगा। पांच साल से कम उम्र के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र के लिए शपथ पत्र देना होगा। इसके अलावा जिस किसी की उम्र पांच साल से ज्यादा हो गई तो उसके जन्म प्रमाण पत्र का आवेदन स्वीकार ही नहीं किया जाता। पांच साल के बाद आवेदन करने वालों के लिए पुलिस जांच अनिवार्य कर दी गई है। मतलब कि पुलिस रिपोर्ट मिलने के बाद ही नगर निगम से जन्म प्रमाण पत्र जारी होगा।
इस नियम से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। दरअसल, पुलिस आसानी से जांच रिपोर्ट नहीं लगा रही। यही नहीं, जांच रिपोर्ट देने से पहले पुलिस स्थानीय पार्षद और जिस अस्पताल में जन्म हुआ, वहां से लिखित सूचना मांग रही है। लोग पुलिस थाने और नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं, मगर उनके जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं हो रहे।
पहले यह नियम था
कुछ माह पहले तक नगर निगम में आसनी से प्रमाण पत्र जारी हो रहे थे। पांच साल से ज्यादा उम्र वालों को भी ज्यादा दिक्कत नहीं आ रही थी। वह केवल पार्षद से लिखवाने के बाद शपथ पत्र दे सकते थे। प्रशासन की रिपोर्ट पर जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता था।
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