गाजियाबाद/एनसीआर
28 नवम्बर 2019
अब महिलायें करेंगी दिल्ली-एनसीआर में वाहन चलाने का काम
गाजियाबाद/एनसीआर (सचिन सक्सेना)। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की 40 महिलाओं को तीन माह का ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया गया था। इसके बाद इन महिलाओं के लर्निंग लाइसेंस भी विभाग की ओर से जारी कराए गए थे, लेकिन ज्यादातर महिलाओं ने ड्राइविंग करने से मना कर दिया था। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने बताया कि ड्राइविंग में प्रशिक्षण ले चुकी महिलाओं के साथ विकास भवन सभागार में बैठक की। बैठक में 15 महिलाएं पहुंची, जिनसे कैब न चलाने की वजह पूछी गई। इस दौरान स्वयं सहायता समूह की ज्यादातर महिलाओं ने कहा कि वह घर से बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस करती हैं। इसके बाद इनमें से छह महिलाएं ही ड्राइविंग करने के लिए तैयार हुईं। ड्राइविंग का प्रशिक्षण ले चुकी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए ग्राम विकास विभाग ने इन महिलाओं से आवेदन मांगे हैं। इच्छुक महिलाओं के आवेदन मिलने के बाद दिल्ली-एनसीआर में वाहन चलाने का काम दिलवाया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से आरटीओ और बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया है। ड्राइविंग करने की इच्छुक अन्य अन्य महिलाओं से भी आवेदन मांगे गए हैं। इसके बाद जिन महिलाओं के पास लर्निंग लाइसेंस है उनका ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जाएगा। लाइसेंस जारी होने के बाद उन्हें आस-पास के क्षेत्र या दिल्ली एनसीआर में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वह परिवार को आर्थिक रुप से मजबूत बना सकें। इसके अलावा जो महिलाए घर से बाहर निकलने से बचती हैं उन्हें घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए उन्हें विभाग की ओर से ऋण मुहैया कराया जाएगा। जनपद में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत करीब 500 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। इन समूहों में पांच हजार से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें अभी तक रोजगार उपलब्ध नहीं हुआ है। महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम विकास विभाग की ओर विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए भी महिलाओं से आवेदन मांगे गए हैं। जो महिलाएं आवेदन करेंगी उन्हें उनकी रूचि के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाएगा। इसके बाद उनके क्षेत्र में ही उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।