उत्तराखण्ड
6 अगस्त 2021
अब हटेगा बंगाली समाज से पूर्वी पाकिस्तान शब्द
रुद्रपुर । जिले में विस्थापित पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने की घोषणा से बंगाली समाज में खुशी का माहौल है। यह शब्द राज्य बनने के बाद लिखे जाने से बंगाली समाज में आक्रोश था और इससे समाज के लोग बहुत आहत थे और इससे अपमानित महसूस करते थे। इस शब्द को हटाने के लिए बंगाली समाज के लोगों ने काफी संघर्ष किया था। समाज के लोगों ने सीएम का आभार जताया। आजादी के बाद पाकिस्तान से करोड़ों लोग भारत चले आए। इनमें पूर्वी पाकिस्तान के लोग भी शामिल थे। पाकिस्तान से आए विस्थापितों को तराई में बसाया गया। पूर्वी पाकिस्तान से आए बंगाली समाज के लोगों को वर्ष, 1952-53 में पीलीभीत, नैनीताल जैसे कई जिलों में बसाया गया। नैनीताल में सबसे पहले दिनेशपुर, फिर शक्तिफार्म, सितारगंज व रुद्रपुर के ट्रांजिट कैम्प में बसाया गया। साथ आजीविका चलाने के लिए खेती की जमीन दी गयी। उत्तराखंड बनने के बाद बंगाली समाज के विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र पर विस्थापित पूर्वी पाकिस्तान शब्द लिखा जाने लगा। इसका बंगाली समाज ने विरोध किया, मगर इसे किसी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। पूर्वी पाकिस्तान शब्द लिखने से समाज के लोग अपमानित महसूस करते थे।इस शब्द को हटाने के लिए कई बार मुख्यमंत्री से मिले तो सिर्फ आश्वासन ही मिलता था, मगर शब्द नहीं हटाया गया। कई बार राज्यपाल को भी ज्ञापन भेजा गया। करीब दो साल पहले तत्काकीं6 सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिनेशपुर में पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने का भरोसा दिया था। साथ ही इस मामले में प्रकिया चलने की भी बात कही थी। जब खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी को प्रेदश की कमान मुख्यमंत्री के तौर पर सौंपी गई तो बंगाली समाज को समस्या का समाधान होने की उम्मीद जगी। करीब एक सप्ताह पहले बंगाली कल्याण समिति का एक प्रतिनिधिमंडल देहरादून में सीएम से मुलाकात कर पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने की मांग की। साथ ही इस शब्द से होने वाली पीड़ा भी अवगत कराया था। सीएम ने इस शब्द को हटाने का भरोसा दिया और गुरुवार को सीएम ने विस्थापित पूर्वी पाकिस्तान शब्द हटाने की घोषणा कर दी। इससे यूएस नगर में बंगाली समाज की करीब ढाई से तीन लाख की आबादी में हर्ष है। बंगाली समाज के लोगों ने सीएम का आभार जताया। साथ ही कहा कि लंबे समय से इस शब्द के कलंक से छुटकारा मिल गया।