काशीपुर शहर को महायोजना-2041 के लिए 740 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई

काशीपुर शहर को महायोजना-2041 के लिए 740 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई

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उत्तराखण्ड
6 जून 2023
काशीपुर शहर को महायोजना-2041 के लिए 740 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई
काशीपुर। काशीपुर शहर को महायोजना-2041 में शामिल किया है इसमें शहर को विभिन्न जोन में बांटने, सड़कों के चौड़ीकरण, ग्रीन बेल्ट एरिया बनाने सहित कई प्रावधान किए गए हैं। इसके लिए 740 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। इनकी सुनवाई तीन दिन में होनी है। सुनवाई के पहले दिन करीब 300 आपत्तियों का निस्तारण किया गया। इन आपत्तियों में अधिकतर सुझाव और भू उपयोग परिवर्तन, सड़क चौड़ीकरण के विरोध में था। ऊधमसिंह नगर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हरीश चंद्र कांडपाल के नेतृत्व में सोमवार को नगर निगम सभागार में महायोजना-2041 के लिए दर्ज 740 आपत्तियों पर सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान शहर को विभिन्न जोन में बांटने, सड़कों के चौड़ीकरण, ग्रीन बेल्ट एरिया, हेरिटेज जोन की आपत्तियां थीं जिन पर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष कांडपाल ने सुनवाई कर करीब 300 आपत्तियों का निस्तारण किया। उन्होंने बताया कि अधिकतर आपत्तियों में भ्रम की स्थिति थी जिसका निस्तारण किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से हेरिटेज जोन तीर्थ द्रोणासागर और गोविषाण टीले पर आपत्ति थी। लोगों को संदेह था कि वह अपनी भूमि की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना में ऐसा कुछ प्रावधान नहीं है। हेरिटेज जोन में फसाड पॉलिसी के तहत बने घरों का रंग और भवन का मुख्य भाग एक सा होगा। वहीं मानपुर रोड पॉलीटेक्निक के पास स्थित कब्रिस्तान का क्षेत्र ज्यादा दर्शाते हुए आवासीय भूमि तक दर्शाया गया है। उसमें सुधार किया गया है क्योंकि वहां पहले से आवास बने हैं।

उपाध्यक्ष कांडपाल ने बताया महायोजना-2041 से लाभ होगा और पूर्व में महायोजना में जो गलतियां हुई हैं, उसमें सुधार किया गया है। इस योजना में व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित नहीं होगी। वहीं महायोजना में महाराणा प्रताप चौक क्षेत्र को आवासीय दर्शाया गया है जबकि वह व्यावसायिक क्षेत्र है। चौती चौराहे के पास पार्किंग दर्शाई गई है, वह वहां से शिफ्ट होगी।
उन्होंने बताया कि रामनगर रोड को रिहायशी दिखाया गया है जबकि वहां पर 18 मीटर से चौड़ी सड़क पर कोई भी प्लॉट होता है तो उस पर व्यावसायिक गतिविधियां पूर्व की भांति बोर्ड की अनुमति के बाद की जा सकतीं हैं। एनएच पर रिहायशी और व्यावसायिक दोनों को मिलाकर प्लान बनाने का सुझाव दिया गया है। इससे इन जगहों पर व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित न हों। गांवों में कुछ भूमि को कब्रिस्तान या श्मशान घाट में शामिल किया गया है जिसे अब हटा दिया गया है।

बैठक में विकास प्राधिकरण के सचिव एनएस नबियाल, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक शशि मोहन श्रीवास्तव, लोनिवि के एई बीएस भंडारी, सिंचाई विभाग के एई प्रकाश चंद्र पांडे समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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